मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक राजनेता और गैंगस्टर थे. वह मऊ निर्वाचन क्षेत्र (Mau Counstituency) से पांच बार विधानसभा के सदस्य के रहे, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में शामिल थे (Mukhtar Ansari Former Leader BSP). दिसंबर 2022 में उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गिरफ्तार किया था. 28 मार्च 2024 को यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की जेल में अचानक तबियत बिगड़ गई थी. उन्हें बेहोशी की हालत में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड ले जाया गया था. लेकिन इलाज के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उसकी मौत हो गई.
मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के युसुफपुर में हुआ था (Mukhtar Ansari Born). वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी के पोते थे.
मुख्तार अंसारी मूल रूप से मखनू सिंह गिरोह के कथित सदस्य थें, जो 1980 के दशक में काफी एक्टिव था. अंसारी का यह गिरोह कोयला खनन, रेलवे निर्माण, स्क्रैप निपटान, सार्वजनिक कार्यों और शराब व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ था. गिरोह कथित रूप से अपहरण जैसी अन्य आपराधिक गतिविधियों के अलावा जबरन वसूली रैकेट चलाने में भी शामिल थे. मुख्तार अंसारी अपनी कथित आपराधिक गतिविधियों के लिए विशेष रूप से मऊ, गाजीपुर, वाराणसी और जौनपुर जिलों में जाने जाते थे (Mukhtar Ansari Gangster).
1995 के आसपास अंसारी, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के माध्यम से राजनीति में शामिल हो गए. मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजल 2007 में बहुजन समाज पार्टी (BSP) में शामिल हो गए थे. जेल में रहते हुए अंसारी ने बसपा के टिकट पर, 2009 का लोकसभा चुनाव वाराणसी से लड़ा, लेकिन वह भाजपा के मुरली मनोहर जोशी से हार गए थे (Mukhtar Ansari Politics).
दरअसल 2008 में, अंसारी पर एक हत्या के मामले में, गवाह धर्मेंद्र सिंह पर हमले का आदेश देने के लिए मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बाद में, पीड़िता ने अंसारी के खिलाफ कार्यवाही बंद करने का अनुरोध करते हुए एक हलफनामा दायर किया और 27 सितंबर 2017 को अंसारी को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया था (Mukhtar Ansari murder Case 2008).
बसपा से निकाले जाने और अन्य राजनीतिक दलों द्वारा खारिज किए जाने के बाद, तीन अंसारी भाइयों (मुख्तार, अफजल और सिबकातिल्लाह) ने 2010 में कौमी एकता दल (QED) नाम से अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई थी. बाद में, इसका नाम हिंदू मुस्लिम एकता पार्टी कर दिया गया, जिसे QED में विलय कर दिया गया था (Mukhtar Ansari Political Party).
मुख्तार अंसारी की पत्नी का नाम अफसा अंसारी (Mukhtar Ansari Wife) है और उनके दो बच्चे हैं (Mukhtar Ansari Children).
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी का निकाह 15 नवंबर को दिल्ली में हुआ. दुल्हन फातिमा गाजीपुर की हैं और प्रसिद्ध कारोबारी मलिक मियां की नातिन हैं. 17 नवंबर को दिल्ली में भव्य रिसेप्शन हुआ, जिसमें कई बड़े नेता शामिल हुए.
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी अपने वेडिंग रिसेप्शन में भावुक नजर आए, क्योंकि उनके पिता मुख्तार अंसारी का इंतकाल हो चुका है और मां अफशां अंसारी फरार हैं. उमर को रिसेप्शन में अपनी पत्नी फातिमा को पिता मुख्तार की तस्वीर दिखाते हुए देखा गया, जिसमें उनकी आंखों में नमी साफ झलक रही थी. शादी की सारी रस्में बड़े भाई अब्बास अंसारी और भाभी निकहत ने पूरी कीं.
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी और फातिमा के वेडिंग रिसेप्शन में दिल्ली में दिग्गजों का जमावड़ा लगा. इस भव्य रिसेप्शन में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, असदुद्दीन ओवैसी, कपिल सिब्बल, इमरान मसूद, इकरा हसन और प्रिया सरोज जैसी हस्तियों ने शिरकत की. मेहमानों की अगवानी सपा सांसद अफजाल अंसारी ने की. यह रिसेप्शन 15 नवंबर को हुए गुपचुप निकाह के बाद आयोजित किया गया था.
उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माफियाराज के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है. इसी कड़ी में उन्होंने माफिया मुख्तार अंसारी से जब्त की गई जमीन पर गरीबों के लिए बने 72 फ्लैट्स की चाबियां लाभार्थियों को सौंपीं. इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 'यह केवल एक आवास वितरण समारोह नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है कि माफिया द्वारा कब्जा की गई जमीन पर अब गरीबों के लिए घर बनेंगे'. ये फ्लैट्स लखनऊ के Dalibagh इलाके में बनाए गए हैं, जहां कभी मुख्तार अंसारी का दबदबा था.
एलडीए ने माफिया मुख्तार अंसारी की खाली करवाई जमीन पर 72 फ्लैट बनवाए हैं, जिनकी मंगलवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में लॉटरी कराई गई. लॉटरी में चयनित आवंटियों को सीएम योगी ने आज स्वयं चाबी सौंपी. इस दौरान उन्होंने माफिया से मुक्त कराई गई जमीन पर बने आवासों के आवंटन को एक कड़ा संदेश बताया.
यूपी में अपराधियों और माफियाओं की अवैध संपत्ति पर कार्रवाई करने के बाद, अब इन जमीनों का उपयोग गरीबों के कल्याण के लिए किया जा रहा है. इसी का एक उदाहरण लखनऊ के डालीबाग इलाके में देखने को मिला. यहां माफिया मुख्तार अंसारी की अवैध रूप से बनी आलीशान कोठी को ध्वस्त कर दिया गया, और उसी जगह पर अब गरीबों के लिए 72 फ्लैटों का निर्माण किया गया है.
मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी की सदस्यता हेट स्पीच के एक मामले में रद्द की गई थी. ऐसे में इस सीट पर उपचुनाव कराये जाने की तैयारी थी. लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब्बास की सदस्यता बहाल होने से उपचुनाव टल गया है.
माफिया मुख्तार अंसारी से खाली कराई गई डालीबाग की सरकारी जमीन पर बने फ्लैट्स को लेकर जालसाजों ने लोगों को ठगा. जालसाज मोहम्मद तालिब ने खुद को लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) का कर्मचारी बताया, फिर बसंतकुंज योजना के तहत 18 लोगों से करीब ₹26.40 लाख ठग लिए.
गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गाज़ीपुर जेल से कासगंज जिला जेल भेजा गया है. उमर पर कोर्ट में फर्जी दस्तावेज़ लगाने का आरोप है, जिसमें उनकी मां अफशां अंसारी के जाली हस्ताक्षर शामिल बताए जा रहे हैं. पुलिस ने केस दर्ज किया है और अफशां पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित है.
माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे और पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी को मऊ की एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट से मिली 2 साल की सजा को रद्द कर दिया है. ऐसे में अब अंसारी की विधायकी बहाल हो जाएगी.
उत्तर प्रदेश की मऊ सीट उन चुनिंदा विधानसभा सीटों में से एक है, जहां पर बीजेपी आजतक कमल नहीं खिला सकी. मुख्तार अंसारी के मऊ में बीजेपी कई सियासी दांव आजमा चुकी है, लेकिन जीत नहीं मिली. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या उपचुनाव में मुख्तार के गढ़ को बीजेपी भेद पाएगी?
गाजीपुर से सपा सांसद अफजाल अंसारी ने कहा कि ने कहा कि भतीजा उमर अंसारी कुछ लोगों की आंखों में खटकने लगा था. इसलिए उसे गिरफ्तार किया गया, ताकि तो टूट जाए, कमजोर हो जाए, लेकिन हम लोग डरने वाले नहीं हैं.
उमर अंसारी पर अपनी फरार मां अफसा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर जब्त की गई 10 करोड़ रुपये की एक बेशकीमती जमीन को छुड़ाने की कोशिश करने का आरोप है. इस मामले में उसका वकील लियाकत अली अभी फरार है.
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी अपने भाई अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता जाने के बाद मऊ सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन रविवार देर रात यूपी पुलिस ने उन्हें फर्जी हस्ताक्षर मामले में गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद मऊ सीट से मुख्तार परिवार के सियासी वर्चस्व को बचाए रखने की चुनौती खड़ी हो गई है.
गाजीपुर पुलिस ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. उस पर गैंगस्टर एक्ट में जब्त प्रॉपर्टी को कोर्ट से छुड़वाने के लिए फर्जी दस्तावेज और मां अफशा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर का आरोप है. पुलिस ने मोहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
गाजीपुर पुलिस ने पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को लखनऊ से गिरफ्तार किया है. उस पर गैंगस्टर एक्ट में जब्त प्रॉपर्टी को कोर्ट से छुड़वाने के लिए फर्जी दस्तावेज और मां अफशा अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर का आरोप है. पुलिस ने मोहम्मदाबाद थाने में केस दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है.
ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर मामले में पूर्व सांसद अतुल राय और माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी की 4.18 करोड़ रुपये की संपत्तियों को अटैच किया है. जांच में पता चला कि सरकारी जमीन पर अवैध गोदाम बनाकर एफसीआई को किराए पर दिया गया और कमाई की गई. फिर फर्जी कंपनियों के जरिए पैसों को सफेद धन में बदला गया.
ओमप्रकाश राजभर मऊ सदर विधानसभा सीट की जिद पर अड़ गए हैं, तो उसके पीछे एक वजह टिकट का आश्वासन भी बताया जा रहा है. मु्ख्तार अंसारी के परिवार की पारंपरिक सीट मऊ सदर विधानसभा से एनडीए उम्मीदवार के तौर पर माफिया बृजेश सिंह के नाम की चर्चा है.
2022 के विधानसभा चुनाव में एक जनसभा के दौरान मंच से अब्बास अंसारी के द्वारा अधिकारियों को लेकर धमकी भरा बयान दिया गया था. जिसको लेकर मऊ कोतवाली में अंसारी के खिलाफ तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद के द्वारा हेट स्पीच का मुकदमा दर्ज करवाया गया था. इस पूरे मुकदमे में सारे तथ्य और गवाह पुलिस के द्वारा अदालत को मुहैया कराए गए और प्रभावी पैरवी की गई.
मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी जाने के बाद अब चर्चा इस बात को लेकर हो रही है कि अंसारी परिवार से इस सीट पर कौन उतरेगा? उपचुनाव में इस सीट पर अंसारी परिवार के सियासी दबदबे का भी टेस्ट होगा.
यूपी के मऊ से विधायक और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है..सजा का ऐलान होते ही अब्बास अंसारी की विधायकी भी खत्म हो गई है. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष नोटिफिकेशन जारी करेंगे.