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मैनेजर का पासवर्ड और 89 खाते... नोएडा में नैनीताल बैंक से 16 करोड़ निकालने की पूरी कहानी

नोएडा के नैनीताल बैंक (Nainital bank) में 16.5 करोड़ की साइबर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगों ने बैंक मैनेजर का लॉगिन पासवर्ड हैक कर आरटीजीएस सिस्टम से करोड़ों रुपये 89 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए. पुलिस अब तक इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जबकि अन्य की तलाश जारी है.

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सर्वर हैक कर ट्रांसफर की 16 करोड़ से ज्यादा की रकम. (AI Generated Image)
सर्वर हैक कर ट्रांसफर की 16 करोड़ से ज्यादा की रकम. (AI Generated Image)

नोएडा में साइबर फ्रॉड (cyber fraud) का बेहद सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहां साइबर क्रिमिनल्स ने नैनीताल बैंक (Nainital bank) को निशाना बनाकर 16 करोड़ से ज्यादा की रकम पार कर दी. यह फ्रॉड का मामला तब सामने आया, जब बैंक की बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिली. साइबर ठगों ने इस पूरी घटना को बेहद शातिर तरीके से अंजाम दिया. इसके लिए बैंक का सर्वर हैक कर 89 खातें रकम ट्रांसफर की गई थी. ठगों ने मैनेजर के लॉगिन पासवर्ड का इस्तेमाल किया था.

जानकारी के अनुसार, यह मामला नोएडा के सेक्टर 62 में स्थित नैनीताल बैंक का है. इस साइबर फ्रॉड की शुरुआत जून 2024 में हुई थी. बैंक के सर्वर को हैक कर ठगों ने बैंक के मैनेजर का लॉगिन पासवर्ड हासिल कर लिया था. इस पासवर्ड के जरिए ठगों ने बैंक के आरटीजीएस (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) चैनल के जरिए रुपये ट्रांसफर किए.

ठगी की की पूरी प्लानिंग 16 जून से 20 जून 2024 के बीच बनी. इस दौरान साइबर ठगों ने नैनीताल बैंक के सर्वर को हैक किया और मैनेजर के लॉगिन पासवर्ड का इस्तेमाल करते हुए बैंक के आरटीजीएस सिस्टम में घुसपैठ की.

यह भी पढ़ें: साइबर फ्रॉड पर नकेल के लिए सरकार का बड़ा एक्शन, 6 लाख मोबाइल फोन बंद, 65 हजार URLs ब्लॉक

इस तरह ठगों ने बैंक के इंटरनल सिस्टम में बदलाव किए और 16.5 करोड़ रुपये को 89 खातों में ट्रांसफर कर दिया. यह ठगी इतनी शातिर तरीके से की गई कि बैंक को तुरंत इसका पता नहीं चला. कई दिनों तक बैलेंस शीट में गड़बड़ी मिलने के बाद जब बैंक ने जांच शुरू की, तब जाकर इस पूरे मामले का पर्दाफाश हुआ.

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बैंक के आईटी मैनेजर ने मामले की शिकायत पुलिस से की. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाने में केस दर्ज किया. इस पूरे मामले ने बैंक के सिक्योरिटी सिस्टम की कमजोरियों को उजागर कर दिया.

ठगों का जाल और पुलिस का एक्शन

इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुए आरोपियों का पता लगाया. इसमें सबसे पहले हर्ष नाम के आरोपी का पता चला. उसी ने इस ठगी की योजना बनाई थी. हर्ष के साथ उसके भाई चार्टर्ड अकाउंटेंट शुभम बंसल और कुछ अन्य सहयोगियों ने साथ दिया. हर्ष के बाद अब कुलदीप नाम के एक अन्य आरोपी का पता चला है. कुलदीप के बैंक खाते का इस्तेमाल इस ठगी में किया गया था. कुलदीप को इसके बदले 5 लाख का कमीशन मिला था.

इस पूरे मामले में एडीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि पुलिस ने अब तक 4 करोड़ रुपये की संपत्तियों को फ्रीज किया है, जिसमें से 2 करोड़ की संपत्तियां कुलदीप से संबंधित हैं. ठगी के अन्य आरोपियों की तलाश जारी है. पुलिस हर उस व्यक्ति की पहचान कर रही है, जिनके खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे.

इस साइबर ठगी में बैंक के सर्वर और मैनेजर के लॉगिन पासवर्ड को हैक कर लेना बैंकिंग सुरक्षा की बड़ी चूक माना जा रहा है. पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और ठगों की पहचान और उनकी धरपकड़ के लिए तेजी से कदम उठा रही है.

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