लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में पैथोलॉजी विभाग के रेजिडेंट डॉक्टर रमीजुद्दीन नायक ने अपनी सहकर्मी हिंदू महिला डॉक्टर को प्रेम जाल में फंसाकर धर्मांतरण का दबाव बनाया. आरोपी ने शादी का झांसा देकर शारीरिक शोषण किया और सच्चाई छिपाकर पीड़िता पर इस्लाम कुबूल करने का दबाव डाला. मानसिक प्रताड़ना से तंग आकर पीड़िता ने 17 दिसंबर को हॉस्टल में जहरीली गोलियां खाकर आत्महत्या की कोशिश की. शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए, जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन ने आरोपी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर उसके कैंपस प्रवेश पर रोक लगा दी है.
गैंग बनाकर धर्मांतरण कराने का संगीन आरोप
पीड़ित महिला डॉक्टर ने खुद मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात कर अपनी आपबीती सुनाई. पीड़िता का आरोप है कि रमीजुद्दीन नायक अकेला नहीं है, बल्कि वह केजीएमयू परिसर में एक पूरा गैंग चला रहा है जो धर्मांतरण के काम में जुटा है.
मुख्यमंत्री ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है. योगी सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरे प्रकरण में कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा और एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
पहली शादी और धर्म परिवर्तन का चौंकाने वाला खुलासा
परिजनों के अनुसार, आरोपी रमीजुद्दीन ने पीड़िता से यह बात छिपाकर रखी थी कि वह इसी साल फरवरी में एक अन्य हिंदू लड़की का धर्म परिवर्तन कराकर उससे निकाह कर चुका है. जब पीड़िता को इसकी भनक लगी, तो आरोपी ने पहली पत्नी को छोड़ने का वादा किया, लेकिन शर्त रखी कि पीड़िता को भी धर्म बदलना होगा. इनकार करने पर उसने पीड़िता को छोड़ दिया और उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया, जिससे टूटकर पीड़िता ने जान देने की कोशिश की.
ट्रॉमा सेंटर से डिस्चार्ज, अब न्याय की गुहार
जहरीली दवाइयां खाने के बाद पीड़िता को गंभीर हालत में केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर और फिर सीसीएम आईसीयू में भर्ती कराया गया था. 19 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद पीड़िता और उसके परिजनों ने हार नहीं मानी और राज्य महिला आयोग समेत जन सुनवाई पोर्टल पर गुहार लगाई. केजीएमयू प्रवक्ता प्रो. केके सिंह ने पुष्टि की है कि दोनों डॉक्टर विभाग के प्रथम वर्ष के छात्र हैं.
सीएम योगी की सीधी चेतावनी: दोषी नहीं बचेंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष हो. आरोपी डॉक्टर के निलंबन के साथ ही विश्वविद्यालय ने उसके परिसर में घूमने पर भी पाबंदी लगा दी है. केजीएमयू प्रशासन अब अपने स्तर पर भी आंतरिक जांच कर रहा है ताकि कैंपस के भीतर चल रहे किसी भी संदिग्ध नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके.