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कानपुर में सपा की बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा... जिलाध्यक्ष ने कहा- तमीज से बात करो, विधायक उठकर चले गए

कानपुर में समाजवादी पार्टी की चुनाव समीक्षा बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया. यहां सपा विधायक और जिला अध्यक्ष मंच पर ही भिड़ गए. नगर अध्यक्ष ने कहा कि तमीज में बात करो, इसके बाद विधायक बैठक से चले गए. विवाद तब शुरू हुआ, जब सपा जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने विधायकों पर चुनाव हरवाने का आरोप लगाया. इस हंगामे से राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.

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सपा की चुनाव समीक्षा बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा. (Video Grab)
सपा की चुनाव समीक्षा बैठक में हाई वोल्टेज ड्रामा. (Video Grab)

UP News: समाजवादी पार्टी की चुनाव समीक्षा बैठक में शुक्रवार को कानपुर में हाईवोल्टेज ड्रामा देखने को मिला. यहां मंच पर ही सपा विधायक और जिला अध्यक्ष आपस में भिड़ गए, जिससे बैठक का माहौल गरमा गया. विवाद इतना बढ़ा कि एक विधायक ने बैठक छोड़ दी, जबकि एक प्रत्याशी मंच पर ही भावुक होकर रो पड़ीं. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

दरअसल, कानपुर की सीसामाऊ सीट पर चुनाव होने वाले हैं. इससे पहले यहां समाजवादी पार्टी द्वारा PDA सम्मेलन और चुनाव समीक्षा की बैठक रखी गई. PDA सम्मेलन में सपा विधायक और जिलाध्यक्ष मंच पर ही भिड़ गए. प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल वहां मौजूद थे. वे दोनों को शांत कराते रहे, मगर सपा जिलाध्यक्ष कहते रहे कि विधायक चुनाव हरवा देंगे.

यहां देखें Video

हद तो तब हो गई, जब जब मंच से सपा विधायकों के बोलने पर सपा जिलाध्यक्ष ने उनकी तरफ उंगली उठाकर कहा- तमीज में रहिए. इसके बाद कानपुर कैंट से विधायक मो. हसन रूमी और आर्यनगर सीट से विधायक अमिताभ बाजपेई ने हंगामा कर दिया. प्रत्याशी नसीम सोलंकी पहले बीच-बचाव करती दिखीं, फिर वे रोने लगीं. बाद में सभी विधायक PDA सम्मेलन को बीच में छोड़कर चले गए.

क्यों हुआ ये पूरा बवाल?

शुक्रवार को सीसामऊ में आयोजित पीडीए सम्मेलन में सपा के सभी विधायक, जिलाध्यक्ष और संगठन के पदाधिकारी शामिल थे. आर्यनगर के विधायक अमिताभ बाजपेई अपने वक्तव्य में सरकार पर इरफान को जेल भेजने का आरोप लगा रहे थे, तभी प्रदेश अध्यक्ष ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि यह समीक्षा बैठक है, राजनीतिक बयानबाजी की जगह नहीं. अमिताभ बाजपेई इस हस्तक्षेप से नाराज हो गए. उन्होंने कहा कि होर्डिंग में साफ लिखा है कि यह पीडीए सम्मेलन है और फिर वे गुस्से में माइक मंच पर रखकर चुप हो गए.

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इसके बाद जिलाध्यक्ष फजल महमूद ने कहा कि विधायक खुद को पार्टी प्रमुख से ऊपर समझते हैं. अमिताभ की नाराजगी का एक कारण यह भी था कि उन्हें मंच पर पीछे बैठने के लिए जगह दी गई थी. इसके अलावा होर्डिंग में फोटो के आकार और स्थान को लेकर भी असहमति थी. सपा विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कहा कि कुछ वैचारिक मतभेद हैं और होर्डिंग में फोटो लगाने को लेकर अलग-अलग सोच हो सकती है, जिसे लेकर असहमति हुई.

इस दौरान प्रत्याशी नसीम सोलंकी मंच पर रोते हुए दिखीं. विधायक रूमी ने कहा कि उनके पति इरफान सोलंकी का जेल से फोन आया था, जिसके कारण वे भावुक हो गईं. सम्मेलन के शुरुआती विवाद के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है.

हंगामे के बाद नसीम सोलंकी ने विधायक अमिताभ बाजपेई को बुलाया और प्रदेश अध्यक्ष के सामने जिलाध्यक्ष और विधायक की नाराजगी दूर करने की कोशिश की. देर शाम तक अन्य पदाधिकारी भी सुलह कराने में लगे रहे. अमिताभ बाजपेई ने मीडिया से कहा कि कोई बड़ा विवाद नहीं था, यह आपस की बातचीत थी. हम सब सरकार के अन्याय के खिलाफ एकजुट हैं और मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. होर्डिंग में फोटो कहां लगानी है, यह निर्णय आयोजक का होता है.

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