उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसी कहानी सामने आई है, जो डरा देने वाली है. दरअसल, आजकल हेयर फॉल की समस्या आम हो गई है. ऐसे में खूबसूरत दिखने के लिए लोग हेयर ट्रांसप्लांट कराना चाहते हैं. कानपुर में दो युवा इंजीनियर भी हेयर ट्रांसप्लांट कराने पहुंचे थे, लेकिन उनकी तबीयत बिगड़ गई और जान से हाथ धो बैठे. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं. पुलिस इस केस की जांच पड़ताल कर रही है.
कानपुर में डॉक्टर अनुष्का तिवारी के नाम से चलने वाले इस क्लिनिक में दोनों इंजीनियरों ने हेयर ट्रांसप्लांट कराया था. पहले फर्रुखाबाद का रहने वाला इंजीनियर मयंक कटियार पहुंचा था, जिसने 18 नवंबर को यह इलाज कराया.
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शुरुआत में तो सब ठीक लग रहा था, लेकिन 24 घंटे के भीतर ही उसका चेहरा सूज गया और तबीयत बुरी तरह से बिगड़ने लगी. मयंक ने बार-बार डॉक्टर से संपर्क किया, दर्द के बारे में बताया, मगर जवाब मिला ‘ठीक हो जाएगा.’ तबीयत खराब होती गई, और 19 नवंबर को वह दुनिया छोड़ गया. इसके बाद डॉक्टर ने परिजनों के नंबर ब्लॉक कर दिए और अपना फोन बंद कर लिया.
इसी बीच, कानपुर के पावर हाउस इलाके के इंजीनियर विनीत दुबे की मौत ने इस पूरे मामले को और भी दर्दनाक बना दिया. विनीत ने भी इसी डॉक्टर से ट्रांसप्लांट कराया था. उसके बाद उसकी हालत इतनी बिगड़ी कि 15 मार्च को उसकी मौत हो गई. परिवार के सदस्यों ने डॉक्टर के खिलाफ शिकायत की, लेकिन शुरुआत में कोई सुनवाई नहीं हुई. मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत की, इसके 56 दिन बाद जाकर पुलिस ने विनीत की पत्नी की शिकायत पर मामला दर्ज किया.
परिवार का दर्द बयां करना मुश्किल है. मयंक की मां रोते हुए कहती है कि उसके बेटे ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ा, और डॉक्टर ने जब फोन उठाना बंद किया तो वे मजबूर होकर पुलिस के पास गए. मयंक के भाई ने बताया कि डॉक्टर ने खुद कहा था कि मयंक का स्वास्थ्य ठीक है, पहले से कोई समस्या नहीं थी, फिर अचानक इतनी तबीयत खराब कैसे हो गई?
और इस कहानी में एक और चेहरा है - राम जी सचान. उन्होंने भी डॉक्टर अनुष्का से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था. राम जी ने बताया कि डॉक्टर ने खुद ट्रांसप्लांट नहीं किया, बल्कि कुछ कामगारों को लगा रखा था. जब उनका भी इलाज खराब हुआ, तो डॉक्टर ने कहा कि बिना पैसे लिए दोबारा कर देगी, लेकिन इतनी तकलीफ के बाद राम जी ने रिस्क नहीं लिया और खुद को भाग्यशाली समझा कि बच गए.
इस मामले में एसीपी अभिषेक पांडे ने बताया कि क्लिनिक बंद हो चुका है और डॉक्टर फरार है. कई बार डॉक्टर के क्लिनिक और घर पर छापेमारी की गई, लेकिन पता नहीं चला. डॉक्टर की योग्यता और लाइसेंस की भी जांच की जा रही है. आजतक की टीम उस क्लिनिक पर पहुंची, लेकिन वहां ताला लगा था. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच-पड़ताल में जुटी हुई है.