उत्तर प्रदेश के झांसी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां सात जन्मों का साथ निभाने का वादा करने वाली एक पत्नी अपने बीमार पति को मेडिकल कॉलेज में छोड़कर चली गई. वह पति की देखरेख के लिए महज 11 साल के मासूम बेटे को छोड़ गई. अस्पताल की नर्स ने जब उसको फोन लगाया तो वह बोली कि मुझे कोई मतलब नहीं है, मैं नहीं आउंगी. आखिरकार उसके बीमार पति ने दो दिन बाद दम तोड़ दिया. मरीज की बहन व अन्य परिजन शव को लेकर चले गए है.
झांसी जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र में रहने वाले करीब 45 साल के सुनील गुप्ता को उनके परिजनों ने 2 जून को महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकॉल कॉलेज में भर्ती करवाया था. उनको टीबी की बीमारी और खून की कमी थी. मरीज को मेडिसन वार्ड 6 में भर्ती किया गया. देखरेख के लिए पत्नी रुकी थी. इलाज के बाद उसे आराम नहीं मिल रहा था, जिस कारण 5 जून को मरीज ने छुट्टी मांगी. इस पर डॉक्टरों ने डिस्चार्ज कर दिया. मगर, उससे पहले ही पत्नी अपने पति नी को छोड़कर चली गई. वह 11 साल के मासूम बेटे को बीमार पिता के पास वार्ड में छोड़ गई. बच्चा ये जानकर सकपका गया.
सीएमएस डॉ. माहुर ने बताया- नर्स ने पत्नी से फोन पर बात की थी लेकिन उसने आने से मना कर दिया. वह बोली कि मुझे कोई मतलब नहीं है. ऐसे में बीमार पति को वार्ड में रखा गया और बिना किसी वयस्क परिजन के इलाज चलता रहा. बच्चा भी अपने अन्य रिश्तेदारों को बुलाने की कोशिश करता रहा, मगर कोई नहीं आया.
7 जून को सुनील गुप्ता की बहन से फोन पर नर्स की बात हुई. बहन ने कहा कि मरीज को वार्ड के नीचे भिजवा दीजिए, हम लेने आ रहे हैं. तब मरीज को वार्ड के नीचे भेज दिया गया. जहां पर उसने दम तोड़ दिया. बाद में परिजन शव लेकर चले गए. मौत के बाद परिजनों ने आरोप लगाए कि 5 जून को डिस्चार्ज के बाद से मरीज वार्ड के बाहर पड़ा था और उसे इलाज नहीं मिला. इसलिए उसकी मौत हो गई. इस पर सीएमएस ने जांच की और सीएमएस डॉ. माहुर ने बताया- 7 जून तक मरीज का इलाज चला था. और फिर बहन के कहने पर वार्डबॉय मरीज को बाहर छोड़ने गया. इसके सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध हैं.