उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के कूचडेहरि गांव में बुधवार को एक हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया. यहां अपनी मां की डांट से आहत होकर 20 साल के एक युवक मोहित कन्नौजिया ने फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली. बेटे को फंदे से लटकता देख मां कौशिल्या देवी और लड़के की 14 साल की बहन सुप्रिया गम बर्दाश्त नहीं कर पाए और दोनों ने भी जहर खाकर जान दे दी. बीआरडी मेडिकल कालेज पहुंचने पर चिकित्सकों ने बहन को मृत घोषित कर दिया, जबकि मां की हालत नाजुक बनी हुई है. उधर, मोहित का शव फंदे से नीचे उतरवाने के बाद पुलिस ने पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
मोहित के पिता अंगद कन्नौजिया की 10 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है. इसके बाद मोहित मुंबई में चाचा और बड़े पिता के साथ रहकर काम करने लगा था. एक सप्ताह पूर्व ही वह गांव लौटा था. बुधवार सुबह वह मां और बहन के साथ हरपुर चौराहे पर दवा लेने जा रहा था. रास्ते में रुपयों को लेकर मां से उसकी कहासुनी हो गई, जिस पर मां ने उसे डांट दिया. इससे आहत होकर मोहित घर लौट गया और मां को फोन करके आत्महत्या करने की बात कही.
मां और बहन को घर पहुंचने पर दरवाजा अंदर से बंद मिला. शोर सुनकर ग्रामीण पहुंचे और दरवाजा तोड़कर देखा तो मोहित फंदे से लटक चुका था. बेटे की मौत देख मां कौशिल्या ने जहरीला पदार्थ खा लिया. यह देख सुप्रिया ने भी वही कदम उठा लिया. दोनों की हालत गंभीर होता देख पड़ोसियों ने तत्काल पुलिस और ग्राम प्रधान को इसकी सूचना दी. पुलिस ने मां-बेटी को जिला अस्पताल भिजवाया, जहां से उन्हें बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया. मेडिकल कालेज पहुंचने पर डाक्टर ने सुप्रिया को मृत घोषित कर दिया, जबकि कौशिल्या की हालत गंभीर बनी हुई है.
हरपुर-बुदहट कूचडेहरि के एक छोटे से घर में सन्नाटा पसरा है, जो किसी तूफान के गुजरने के बाद आता है. पति की मौत के बाद एक मां ने अपने इकलौते बेटे में जीने की वजह ढूंढ ली थी. बेटा भी कम उम्र में जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हुए मुंबई जाकर कमाने लगा था. हर महीने पैसे भेजकर घर का खर्च संभालता. उसने बहन से कहा था कि वह उसकी शादी धूमधाम से करेगा. लेकिन बुधवार को मां की एक डांट ने ऐसा तूफान ला दिया जिसकी किसी ने कल्पना तक नहीं की थी. बेटा खुद को कमरे में बंद कर फंदे से झूल गया. जब मां और बहन ने देखा, तो चीखें पड़ोस तक गूंज उठीं. मां और बहन का दिल इस मंजर को सह न सका और दोनों ने जहरीला पदार्थ खा लिया. अस्पताल आते-आते बेटी की भी मौत हो गई. अब अस्पताल के बेड पर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही बेसूघ मां की आंखों से बहते आंसू उस दर्द की गवाही दे रहे हैं, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता.
कूचडेहरि के हरिलाल के तीन बेटे थे. गंगा सागर, अंगद कन्नौजिया और रवि. गंगा सागर औरं रवि परिवार के साथ मुंबई में रहकर काम करते थे. अंगद परिवार के साथ गांव पर रहते हुए मां और पिता की देखभाल करता था. लेकिन नशे की लत से अंगद की मौत, 10 वर्ष पहले हो गई. इसके बाद उसकी पत्नी कौशिल्या देवी, 18 वर्षीय बेटा मोहित और बेटी सुप्रिया गांव पर रहने लगे.
पिता की मौत के बाद बेटा मोहित भी बड़े पिता और चाचा के साथ मुंबई चला गया. गांव पर मां, बेटी अपने सास-ससुर की देखभाल करने लगे. तीन महीने पहले कौशिल्या की सास की मौत होने पर मुंबई से पूरा परिवार आया था. काम होने के बाद वापस गया तो बेटा मोहित भी चला गया. एक सप्ताह पहले किसी काम से वह घर आया और बुधवार को मां की डांट के बाद इस तरह का कदम उठाया कि पूरा परिवार कुछ ही पलों में समाप्ति की कगार पर पहुंच गया. हालांकि मां का उपचार बीआरडी मेडिकल कालेज में चल रहा है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है.
घटना की सूचना मिलने पर गंगा सागर और रवि परिवार समेत मुंबई से घर के लिए रवाना हो गए हैं. इस हृदय विदारक घटना ने पूरे गांव को झकझोर दिया है. घर पर बुजुर्ग हरिलाल की देखभाल ग्रमीण कर रहे हैं. वहीं बीआरडी में पहुंचे रिश्तेदार कौशिल्या के पास है.