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STF ने जिस सिराज को एनकाउंटर में ढेर किया, उसके जनाजे में उमड़ा हुजूम! सुल्तानपुर में सुपुर्द-ए-खाक, देखें- VIDEO

एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में ढेर हुए एक लाख के इनामी बदमाश सिराज अहमद को सोमवार शाम सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. माफिया मुख्तार अंसारी गैंग से जुड़े सिराज के घर पर प्रशासन पहले ही बुलडोजर चला चुका था. भारी सुरक्षा के बीच उसका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ.

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सुल्तानपुर में सिराज अहमद के जनाजे में उमड़ी भीड़ (Photo: ITG)
सुल्तानपुर में सिराज अहमद के जनाजे में उमड़ी भीड़ (Photo: ITG)

यूपी एसटीएफ ने रविवार सुबह सहारनपुर के गंगोह इलाके में एक लाख के इनामी अपराधी सिराज अहमद को एनकाउंटर में मार गिराया. सुल्तानपुर के लोलेपुर गांव निवासी सिराज बाइक से किसी वारदात को अंजाम देने जा रहा था, तभी घेराबंदी के दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग की और जवाबी कार्रवाई में मारा गया. सोमवार शाम करीब 6 बजे कोतवाली नगर क्षेत्र के कब्रिस्तान में उसे दफनाया गया. सिराज पर अधिवक्ता आजाद अहमद की हत्या समेत 30 गंभीर मुकदमे दर्ज थे और वह साल 2023 से फरार चल रहा था. पुलिस और एसटीएफ की टीमें लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी थीं.

बुलडोजर से ढहे घर पहुंचा शव, उमड़ी भीड़

सिराज अहमद का शव जब उसके पैतृक गांव सुल्तानपुर के लोलेपुर पहुंचा, तो वहां भारी संख्या में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग उसके अंतिम दर्शन के लिए उमड़ पड़े. गौर करने वाली बात यह है कि ढाई साल पहले प्रशासन ने अपराध के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सिराज के इसी घर पर बुलडोजर चलाया था. सोमवार को उसी खंडहर हो चुके घर के आंगन से उसका जनाजा निकाला गया, जिसे देख परिजन फूट-फूटकर रोने लगे.

अधिवक्ता हत्याकांड के बाद से था फरार

सिराज का आपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है. पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, वह पूर्वांचल के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी गैंग का सक्रिय सदस्य था. साल 2023 में 6 अगस्त को उसने सरेराह अधिवक्ता आजाद अहमद की गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद से वह लगातार ठिकाने बदल रहा था. उस पर पहले 50 हजार और फिर इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया गया था. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि वह हरियाणा-पंजाब बॉर्डर के रास्ते सहारनपुर में दाखिल हुआ है.

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भारी पुलिस सुरक्षा में सुपुर्द-ए-खाक

मुठभेड़ के बाद सोमवार शाम को जब जनाजा निकला, तो कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात रहा. कोतवाली नगर और कोतवाली देहात समेत कई थानों की पुलिस ने कब्रिस्तान और गांव में मोर्चा संभाला हुआ था. सिराज पर हत्या, लूट, डकैती और मारपीट जैसे 30 संगीन मामले दर्ज थे. पुलिस के मुताबिक, एनकाउंटर के समय वह अपने एक साथी के साथ था और उसने आत्मसमर्पण करने के बजाय पुलिस टीम पर गोली चला दी थी.

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