गाजियाबाद में STF और लखनऊ की साइबर क्राइम टीम ने संयुक्त ऑपरेशन के दौरान गाजियाबाद के Cloud 9, वैशाली से दो ठग दीपक तिवारी और बादल वर्मा को गिरफ्तार किया. आरोपियों ने बीमा धारकों को फर्जी यूनिट वैल्यू और अधिक मैच्योरिटी अमाउंट का लालच देकर ठगी की.
पुलिस के अनुसार, ये लोग खुद को IGMS, IRDAI, NPCI और RBI अधिकारी बताते थे. कॉल और व्हाट्सऐप के जरिए वो ग्राहकों से एजेंट कोड हटाने, सर्विस चार्ज और CRS लेटर चार्ज के नाम पर ₹20 हजार से ₹90 हजार वसूलते थे. जांच में पता चला कि गैंग ने पिछले सात महीनों में 15-20 बैंक खातों के माध्यम से करीब 50–60 लाख रुपये की साइबर ठगी की. बैंक खातों को कमीशन पर लिया गया. अन्य गैंग मेंबर करन शर्मा और प्रेम चौधरी की तलाश जारी है.
फर्जी यूनिट वैल्यू और ज्यादा मैच्योरिटी का लालच देकर ठगी
पुलिस ने आरोपियों से 7 मोबाइल, 2 लैपटॉप, 2 आधार कार्ड, 2 ड्राइविंग लाइसेंस, ATM कार्ड, वोटर आईडी, पैन कार्ड, ठगी का डेटा रजिस्टर और ₹2,905 नकद बरामद किया. बरामद उपकरणों की फॉरेंसिक जांच की जाएगी.
STF और लखनऊ की साइबर क्राइम टीम ने दो ठगों को दबोचा
इस गैंग की ठगी का खुलासा भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान लखनऊ के वैज्ञानिक डॉ. लाल सिंह गंगवार की शिकायत के बाद हुआ. उन्होंने ₹3.66 लाख की ठगी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है और पूरे गिरोह को पकड़े जाने की कोशिश कर रही है.