
Prayagraj Flood: संगम नगरी प्रयागराज में आई बाढ़ अब लोगों के लिए मुसीबत बन गई है. बाढ़ पीड़ित अब दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं. बाढ़ से बचने के लिए उन्होंने अपना ठिकाना छतों पर तो बना लिया लेकिन अब बारिश भी उनको परेशान कर रही है. वहीं घर में चोरी न हो जाए इसलिए लोग अपना घर भी नहीं छोड़ना चाहते. स्थानीय लोग जुगाड़ करके एक दूसरे की छतों से होकर आ-जा रहे हैं.
इस बीच डीएम प्रयागराज ने एनडीआरएफ के साथ बघाड़ा इलाके का निरीक्षण किया और बाढ़ पीड़ितों को हर संभव मदद करने का भरोसा दिया. लेकिन अभी भी कुछ बाढ़ पीड़ित प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे हैं.

बता दें कि छोटा बघाड़ा इलाके के सैकड़ों घर बाढ़ के पानी मे समा गए हैं. बाढ़ से बचने के लिए उन्होंने अपना सामान छतों पर रख लिया है. लेकिन बीच-बीच में हो रही बारिश उनको परेशान कर रही है. लोग एक दूसरे की छतों पर जुगाड़ के सहारे निकल रहे हैं ताकि बाढ़ से बच सकें. इलाके में जहां गाड़ियां चलती थी अब वहां नाव चल रही है. लोग कमर तक पानी मे निकलने को मजबूर हैं.
बाढ़ के चलते लाइट भी ज्यादातर इलाको में नहीं है, जिससे चोरी का डर भी बना हुआ है. लोग प्रशाशन के बनाए हुए बाढ़ राहत शिविर में भी नहीं जा पा रहे. क्योंकि, उनको डर है कहीं घर से उनका समान चोरी न हो जाए.

गौरतलब है कि प्रयागराज में गंगा व यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ने से सलोरी, छोटा बघाड़ा, दारागंज, राजापुर इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है. सड़कें, मकान, दुकान सब पानी से भर गई हैं. अब यहां सड़कों में गाड़ी की जगह नाव चल रही है.
प्रशासन के साथ स्थानीय लोग भी अपने स्तर से एक-दूसरे की मदद कर रहे है. दूसरे शहरों से पढ़ने आए छात्र, जो लॉज या किराये के घरों में रह रहे हैं उनके लिए बड़ी दिक्कत खड़ी हो गई है. वो किराए में छूट या माफी की डिमांड कर रहे हैं.

मामले में डीएम प्रायगराज रविंद्र कुमार मांदड ने बाढ़ क्षेत्र का एनडीआरएफ की टीम के साथ दौरा किया और पीड़ितों की हर संभव मदद करने का भरोसा जताया. लेकिन अभी भी कुछ बाढ़ पीड़ितों तक सरकारी मदद नही पहुंच पाई है. वे अभी भी मदद का इंतज़ार करने को मजबूर हैं. कहा जा रहा है कि बाढ़ से लोगों को इतने जल्दी राहत मिलने वाली नहीं है, उन्हें अभी कुछ दिन और परेशान होना पड़ेगा. क्योंकि, जलस्तर कम होने होने में टाइम लगेगा.