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UP: फर्जी फर्म के सहारे 200 करोड़ की कफ सिरप तस्करी का खुलासा, यूपी एसटीएफ ने चार गिरफ्तार

यूपी एसटीएफ ने कफ सिरप की तस्करी करने वाले बड़े सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है. गिरोह के सरगना विशाल चौहान और विभोर राणा समेत चार आरोपियों को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया. ये सभी सहारनपुर के रहने वाले हैं और फर्जी फर्मों व लाइसेंस के जरिए बांग्लादेश तक फेन्सेडिल कफ सिरप की अवैध सप्लाई करते थे.

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कफ सिरप की तस्करी के मामले में चार गिरफ्तार (Photo: Santosh sharma/ITG)
कफ सिरप की तस्करी के मामले में चार गिरफ्तार (Photo: Santosh sharma/ITG)

लखनऊ में यूपी एसटीएफ ने कफ सिरप की अवैध तस्करी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने इस सिंडिकेट के सरगना समेत चार लोगों को सुशांत गोल्फ सिटी इलाके से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों में विशाल चौहान, विभोर राणा, बिट्टू कुमार और सचिन कुमार शामिल हैं. सभी आरोपी सहारनपुर के रहने वाले हैं.

जांच में सामने आया कि विशाल और विभोर सगे भाई हैं जो साल 2018 से इस अवैध कारोबार में शामिल थे. इन्होंने जी.आर. ट्रेडिंग नाम की फर्म के जरिए एबॉट कंपनी से फेन्सेडिल कफ सिरप की सुपर डिस्ट्रीब्यूशनशिप ली थी. बाद में इन्होंने अपने परिचितों के नाम पर फर्जी फर्म और लाइसेंस बनवाकर बांग्लादेश तक सिरप की सप्लाई शुरू की.

कफ सिरप की अवैध तस्करी

साल 2021 में जौनपुर, बनारस और मालदा में जब माल पकड़ा गया, तो जी.आर. ट्रेडिंग और सचिन मेडिकोस नाम की फर्मों के नाम सामने आए. साल 2022 में एनसीबी वेस्ट बंगाल ने विभोर राणा को गिरफ्तार भी किया था. इसके बाद भी इन्होंने सचिन कुमार के नाम से मारुति मेडिकोज नाम की नई फर्म बनाकर हरिद्वार में कारोबार जारी रखा.

पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया

अप्रैल 2024 में लखनऊ में फिर से माल पकड़े जाने के बाद विभोर ने अपने साथी अभिषेक शर्मा के नाम से ए.बी. फार्मास्यूटिकल्स नाम की फर्म बनाई. एसटीएफ के अनुसार, इस गिरोह ने अब तक करीब 200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति बनाई है.आरोपियों के अन्य सहयोगियों में अभिषेक शर्मा, शुभम शर्मा, संदीप शर्मा, दीपक राणा, संजय शर्मा और सीए अरुण सिंघल भी शामिल हैं.

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