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UP: इटावा सफारी पार्क में शेरों को भीषण गर्मी से राहत देने के लिए मिस्ट तकनीक का इस्तेमाल, अन्य वन्यजीवों को भी मिल रही है राहत

उत्तर प्रदेश का इटावा लायन सफारी पार्क एशियाई शेरों का सबसे बड़ा ठिकाना है. यहां भीषण गर्मी में वन्यजीवों को राहत देने के लिए मिस्ट तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. इस तकनीक से तापमान 42 डिग्री से घटाकर 30-35 डिग्री तक किया जा रहा है. शेर, लेपर्ड, भालू और हिरणों को इस गर्मी में बड़ी राहत मिल रही है.

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गर्मी से जानवरों को बचाने के लिए कई उपाय किए गए
गर्मी से जानवरों को बचाने के लिए कई उपाय किए गए

उत्तर प्रदेश के इटावा लायन सफारी पार्क में गर्मी से वन्य जीवों को बचाने के लिए मिस्ट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है. 42 डिग्री तापमान से जूझ रहे सफारी में अब मिस्ट तकनीक से तापमान 30 से 35 डिग्री तक घटा दिया गया है. इससे एशियाई शेरों समेत अन्य वन्य जीवों को राहत मिल रही है.

सफारी प्रबंधन ने शेरों के बाड़े में फुहारे नुमा पाइप लगाए हैं. इनसे लगातार पानी की फुहारें डाली जा रही हैं. इससे शेरों को ठंडक का एहसास हो रहा है. सफारी में मौजूद शेर पेड़ों की छांव में आराम कर रहे हैं और खुले में घूम भी रहे हैं.

वन्य जीवों को बचाने के लिए मिस्ट तकनीक का इस्तेमाल

इटावा सफारी पार्क में 7 शावकों समेत कुल 22 एशियाई शेर हैं. इसके अलावा यहां पांच लेपर्ड, पांच भालू और सैकड़ों की संख्या में काले हिरण, सांभर जैसे अन्य वन्य जीव हैं. इन सभी को गर्मी से बचाने के लिए पार्क में एयर कंडीशन, कूलर और फूस के छप्पर लगाए गए हैं.

लेपर्ड सफारी में काम कर रहे कर्मचारी ने बताया कि जब गर्मी बढ़ती है तो लेपर्ड हांफने लगते हैं. इसलिए उनके लिए कूलर और पानी का इंतजाम किया जाता है ताकि वो बीमार न पड़ें.

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जानवरों के लिए कूलर और पानी का इंतजाम

सफारी के क्षेत्रीय वन अधिकारी रूपेश श्रीवास्तव ने बताया कि मिस्ट तकनीक से शेरों को काफी राहत मिल रही है. यह तकनीक गर्मी से बचाव का बेहतर तरीका साबित हो रही है.

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