यूपी के इटावा में जिन यादव कथावाचकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया, अब उनके परिजनों ने इस पूरे मामले में रिएक्ट किया है. कथावाचक मुकुट मणि यादव के साथी संत सिंह यादव जिनके चोटी-बाल काटे गए थे, उनके परिवार से 'आजतक' ने बात की है. घटना से संत सिंह यादव के परिवार के लोग बेहद आहत हैं. उन्होंने जान-बूझकर कथावाचकों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है.
आपको बता दें कि संत सिंह यादव का परिवार औरैया जिले में रहता है. घर में यादव की दो बेटियां और पत्नी मिलीं. बड़ी बेटी अंजली यादव ने ऑन कैमरा कहा कि पापा के साथ जो बदसलूकी हुई उसे मैंने मोबाइल पर देखा था. उनकी बहुत बेइज्जती की गई, मारा-पीटा गया. फोन पर उन्होंने बताया कि कैश, अंगूठी छीन ली गई. 25 हजार जुर्माना भी लिया गया.
बकौल अंजली यादव- जो ब्राह्मण लोग कथा के लिए पापा को लेकर गए उन्हें पता था कि वे यादव हैं. ऐसे में इटावा ले जाकर मारपीट करना गलत है. अब हमें न्याय चाहिए. फिर किसी के साथ ऐसा न हो.
वहीं, संत सिंह यादव की छोटी बेटी प्रीति ने कहा कि पापा इटावा के गांव में भागवत कथा के लिए गए थे. वहां खाना खाने के टाइम ब्राह्मण लोगों ने जाति पूछकर उनको मारा पीटा. उनकी शिखा और बाल तक काट दिए. वीडियो वायरल कर बेइज्जत किया. इतना ही उनसे 25 हजार जुर्माना भी लिया गया. पापा करीब 15 साल से कथा में जा रहे हैं, आजतक कभी ऐसा नहीं हुआ.
प्रीति यादव ने पिता का आधार कार्ड दिखाते हुए कहा कि इसमें कहीं भी उनकी जाति नहीं बदली हुई है. यादव ही लिखा है. पता नहीं आधार कार्ड की फर्जी फोटो कौन और क्यों वायरल कर रहा, जिसमें उनकी जाति अग्निहोत्री लिखी है.
पीड़ित संत सिंह यादव की पत्नी संगीता के मुताबिक, हमें इस घटना की जानकारी बेटे से मिली जिसने मोबाइल में खबर देखी थी. वो बहुत घबराया हुआ था. उसने फोन पर पिता से बात की. अगली सुबह संत घर आए तो भावुक होकर आपबीती सुनाई. उन्होंने कहा मेरी चुटिया कट गई. मारपीट भी हुई. बड़ा बेइज्जत कर गांव से बेदखल किया. अब हमें इंसाफ चाहिए.