कानपुर के रूरा में स्टेट बैंक ऑफ ऑफ इंडिया के लॉकर से करीब 14 लाख रुपए की ज्वैलरी चोरी होने का मामला सामने आया है. बैंक लाकर के एग्रिमेंट रिन्यूअल के दौरान पीड़िता को यह जानकारी हुई कि उसके बैंक के लॉकर में रखी ज्वैलरी में से उसकी 20 तोले सोने की ज्वैलरी गायब है. पीड़िता ने बैंक कर्मचारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाकर थाने में तहरीर दी है. मामले की सूचना पर पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है.
मामला रूरा थाना क्षेत्र स्थित एसबीआई ब्रांच का है. यहां बैंक में आज उस वक्त हड़कंप मंच गया जब रूरा पुलिस बैंक से चोरी की जानकारी मिलने के बाद जांच-पड़ताल करने पहुंची. रूरा के कारी कलवारी गांव की रहने वाली 60 वर्षीय बुर्जुग माया देवी का रूरा एसबीआई बैंक में कई साल पुराना लॉकर है.
इस लॉकर को 35 साल पहले उनके ससुर मन्नी सिंह गौर संचालित करते थे. उन्होंने उस लॉकर को अपने बेटे शैलेंद्र सिंह के साथ ज्वाइंट कर लिया. उनके निधन के बाद शैलेंद्र सिंह ने अपनी पत्नी माया देवी को अपने साथ ज्वाइंट कर लिया और कई साल से शैलेंद्र अपनी पत्नी के साथ वो लाकर चला रहे थे.
शैलेंद्र सिंह नोएडा में अपने परिवार के साथ शिफ्ट हो गए थे. मगर, जनवरी में शैलेंद्र सिंह की अटैक से मौत हो गई थी. पीड़िता माया देवी के अनुसार, साल 2018 में उन्होंने अपने पति के साथ रूरा की एसबीआई बैंक में 4-5 सोने की ज्वैलरी रखी थी, जिसकी कीमत करीब 18 से 20 लाख रुपए थी.
सबसे महंगी ज्वैलरी में 20 तोले की सोने की कमर पेटी थी, जिसको उन्होंने डिब्बे में रखकर लॉकर में रख दिया था. इसका डिब्बा अभी भी लॉकर में रखा हुआ है, जबकि कमर पेटी गायब हो गई है. उनकी बेटी नीरजा ने बताया कि वह लखनऊ में रहती हैं. उनके पिता का जनवरी में निधन हो गया था.
बैंक से लाकर रिन्यूअल करवाने के लिए फोन आ रहा था. जब उन्होंने अपनी मम्मी के साथ एसबीआई बैंक में लॉकर रिन्यूअल एग्रीमेंट के बाद लॉकर खोला, तो वारदात का पता चला. बैंक मैनेजर से पूछा गया, तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ लिया. मां की तबीयत अचानक खराब होने पर उन्हों मैं कल घर ले गई थी.
आज जब मैंने बैंक आकर फिर से अपना लॉकर देखना चाहा, तो बैंक मैनेजर ने मुझे लाकर नहीं खोलने दिया. बैंक के लॉकर से ज्वैलरी चोरी होने की लिखित शिकायत पीड़िता ने थाने में की है. रूरा थाना प्रभारी शिव नारायण सिंह ने बताया तहरीर मिली है. मामले की जांच की जा रही है.