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कुंभ पहुंचे साइकिल राइडर अभिषेक यादव, शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए चला रहे मुहिम

कुंभ मेला में एक युवक ऐसा पहुंचा जिसका शौक कोई लग्जरी लाइफ, लग्जरी गाड़ी, या महंगा मोबाइल फोन नहीं है, बल्कि उसका मकसद देश के नाम शहीद होने वाले परिवार के लोगों की आर्थिक मदद करना है. लिहाजा वह साइकिल से ही देश के भ्रमण पर निकल चुका है.

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कुंभ पहुंचे साइकिल राइडर अभिषेक यादव, शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए चला रहे मुहिम
कुंभ पहुंचे साइकिल राइडर अभिषेक यादव, शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए चला रहे मुहिम

आज की युवा पीढ़ी महंगे मोबाइल, महंगी बाइक और महंगी कार के शौकीन होते हैं,और एक लग्जरी लाइफ जीना चाहते हैं. लेकिन कुंभ मेला में एक युवक ऐसा पहुंचा जिसका शौक कोई लग्जरी लाइफ, लग्जरी गाड़ी, या महंगा मोबाइल फोन नहीं है, बल्कि उसका मकसद देश के नाम शहीद होने वाले परिवार के लोगों की आर्थिक मदद करना है. लिहाजा वह साइकिल से ही देश के भ्रमण पर निकल चुका है. साइकिल भी इसकी बहुत निराली. इसपर उन्होंनेअपने मकसद का थीम भी लिख रखा है.

शख्स का नाम अभिषेक यादव है जो कि यूपी के जिला देवरिया का और उसकी उम्र महज 26 साल है. पढ़ाई ग्रेजुएशन के साथ डिग्री धारक अभिषेक के पिता एक किसान है. उनकी मुहिम दिल को छू जाने वाली है क्योंकि आज का युवा वर्ग जिस दौर से गुजर रहा है वहां पर सिर्फ सेल्फिश जिंदगी देखने को मिल रही है और सब अपने आप में खो रहे हैं. 

अभिषेक यादव ने अपने जीवन का मकसद कुछ और बना लिया है, जिसे देखकर हर कोई उसे सलाम कर रहा है. अभिषेक यादव की शहीद सम्मान भारत साइकिल यात्रा तकरीबन 47000 किलोमीटर और 31 राज्य और 61 सी छावनी होते हुए यह यात्रा 900 दिनों में समाप्त होगी. वे अपने मकसद को लेकर संगम की रेती पर लगे महाकुंभ में अपनी साइकिल से पहुंचे हैं. यहां पर इन्होंने आस्था की डुबकी लगाई है. इस दौरान इनको जिसने भी देखा वह उनके साथ सेल्फी लेने लगा. जिस कुंभ मेले की आन बान शान सनातन धर्म से जुड़े साधु संत हैं,उसके बीच में इस साइकिल वाले युवक को भी लोग पसंद कर रहे हैं. लोग युवक के मकसद को भी सलाम कर रहे हैं.

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अभिषेक  प्रत्येक भारतीय से शहीदों के सम्मान में सिर्फ एक रुपए डोनेट करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने ट्रस्ट अकाउंट द इंडियन हीरोज के नाम से अकाउंट भी बनाया है. इसके जरिए उन्होंने प्रत्येक शहीद के सम्मान और उनके परिवारों की समस्याओं को सुनने के हेतु हर जिले में एक विशेष पुलिस यूनिट का गठन भी किए जाने की मांग उठाई है. इसके अलावा उन्होंने सरकार से प्रत्येक  सैनिक के लिए आवास की व्यवस्था का अनुरोध किया है. यही नहीं बल्कि वे सैनिकों की बेटियो के लिए 20 लाख की आर्थिक मदद और बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा की भी मांग की है.
 

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