गाजियाबाद नगर निगम ने मंगलवार को गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित कर दिया. महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि गाजियाबाद का नाम बदलकर तीन नाम- हरनंदी नगर, गजप्रस्थ और दूधेश्वरनाथ नगर प्रस्तावित किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ये नाम भेजे जाएंगे और वही इस पर अंतिम फैसला लेंगे.
हालांकि, नाम में ऐसे किसी भी बदलाव के लिए अंततः केंद्र की मंजूरी की आवश्यकता होगी. मेयर दयाल ने कहा, ‘गाजियाबाद का नाम बदलने का प्रस्ताव पार्षदों ने पूर्ण बहुमत से पारित किया है. नया नाम सीएम तय करेंगे.’
मेयर ने कहा, ‘गाजियाबाद के लोगों और हिंदू संगठनों की मांग को ध्यान में रखते हुए ये नाम सुझाए गए हैं.’ साहिबाबाद निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा विधायक सुनील शर्मा ने कहा कि पिछले साल उन्होंने राज्य विधानसभा में इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया था. इसमें सुझाव दिया गया था कि गाजियाबाद का नाम बदलकर गजप्रस्थ रखा जाए.
पहले हस्तिनापुर का हिस्सा था गाजियाबाद
इस बीच दूधेश्वरनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी महंत नारायण गिरि ने बताया कि उन्होंने पिछले साल मुख्यमंत्री को तीन नाम सुझाए थे. गिरि के अनुसार ये नाम महाभारत से संबंधित हैं क्योंकि वर्तमान गाजियाबाद जिला पहले हस्तिनापुर का हिस्सा था.
अकबर के सहयोगी गाजीउद्दीन ने बदला नाम
गिरि के अनुसार, यह क्षेत्र हाथियों का निवास स्थान वाला घना जंगल हुआ करता था, जिन्हें हिंदी में 'गज' कहा जाता है. गिरि ने दावा किया कि इसलिए गाजियाबाद को गजप्रस्थ कहा जाता था. उन्होंने दावा किया कि मुगल बादशाह अकबर के करीबी सहयोगी गाजीउद्दीन ने नाम बदलकर गाजियाबाद कर दिया था.