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बुलंदशहर: स्याना हिंसा के आरोपी को BJP ने बनाया मंडल अध्यक्ष, बवाल में हुई थी इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या

बुलंदशहर स्थित स्याना में पांच साल पहले (2018) हिंसा हुई थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या हो गई थी. मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें सचिन अहलावत नाम का युवक भी शामिल है. इसी सचिन अहलावत को जिला बीजेपी ने अब मंडल अध्यक्ष बना दिया है.

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स्याना हिंसा का आरोपी सचिन अहलावत
स्याना हिंसा का आरोपी सचिन अहलावत

यूपी के बुलंदशहर स्थित स्याना में पांच साल पहले (2018) हिंसा हुई थी. इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या हो गई थी. मामले में कई लोगों को आरोपी बनाया गया, जिसमें सचिन अहलावत नाम का युवक भी शामिल है. इसी सचिन अहलावत को बुलंदशहर बीजेपी ने अब मंडल अध्यक्ष बना दिया है. सोशल मीडिया पर उसकी फोटो वायरल होने के बाद पार्टी की किरकिरी हो रही है. 

बता दें कि  सचिन अहलावत फिलहाल जमानत पर बाहर पर है. इससे पहले वो स्याना हिंसा मामले में जेल में था. उसपर इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के लिए भीड़ को उकसाने का आरोप है. सोशल मीडिया पर उसकी फोटो वायरल हो रही है. जिसमे कुछ लोग उसे फूल-माला और पार्टी का गमछा आदि पहनाकर बधाई दे रहे हैं. 

हिंसा के आरोपी को बीबीनगर का मंडल अध्यक्ष बनाया

गौरतलब है कि बीजेपी ने बुलंदशहर क्षेत्र के 31 जोनल अध्यक्ष की सूची जारी की है. सचिन अहलावत का नाम भी उसमें है. उसे बीबीनगर का मंडल अध्यक्ष बनाया गया है. उस पर दंगा भड़काने और भीड़ को उकसाने जैसे आरोप हैं. हालांकि, गौकशी की सूचना के बाद हुई स्याना हिंसा को लेकर अपनी भूमिका से सचिन इनकार करता है. 

मालूम हो कि गौकशी के विरोध में वर्ष 2018 में स्याना के चिंगरावठी क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी. इस हिंसा में यूपी पुलिस के तत्कालीन थाना इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की गोली मारकर कर दी हत्या कर दी गई थी . साथ ही एक और युवक सुमित की भी इस प्रकरण में जान गई थी. 

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अब जिला बीजेपी ने नई कार्यकरिणी का गठन करते हुए सचिन अहलावत को स्याना विधानसभा क्षेत्र के बीबीनगर का मंडल अध्यक्ष बनाया है. सचिन स्याना में हुई हिंसा का आरोपी है. इस मामले में वह जेल भी गया था. अभी वह जमानत पर है. 

बीजेपी जिला अध्यक्ष ने क्या कहा? 

मामले में जब बुलंदशहर बीजेपी जिला अध्यक्ष विकास चौहान से फोन से वार्ता की गई तो उनका कहना था कि वह (सचिन) सिर्फ आरोपी है. उसपर कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ है. घटना के समय भी सचिन पार्टी में मंडल संयोजक पदाधिकारी था. सचिन पर कोई और मुकदमा नहीं है. सचिन और उसके साथी सिर्फ मौके थे. उन्होंने कुछ किया नहीं था. पुलिस और कानून अपना काम कर रहा है. सचिन पार्टी का सक्रिय कार्यकर्ता है और काफी वर्षों से ईमानदारी से कार्य कर रहा है. कुछ विरोधी लोग इस प्रकरण को हवा दे रहे हैं. 

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