डॉ. अनुष्का तिवारी के क्लिनिक में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद दो इंजीनियरों की मौत के मामले ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. अब ऐसे कई लोग सामने आ रहे हैं जिन्होंने इस क्लिनिक में इलाज कराया था. वे खुलकर अपनी आपबीती साझा कर रहे हैं और डॉक्टर की पोल खोल रहे हैं. डॉक्टर अनुष्का के यहां हेयर ट्रांसप्लांट कराने के बाद अब तक किसी के चेहरे पर सूजन है तो कोई इंफेक्शन से परेशान है.
राम जी सचान, जिन्होंने कुछ वर्ष पहले इसी क्लिनिक से हेयर ट्रांसप्लांट कराया था, बताते हैं कि उनका ट्रांसप्लांट डॉ. अनुष्का द्वारा नियुक्त कुछ कारीगर जैसे युवकों ने किया था. वे कहते हैं, ऐसा लग रहा था कि उन लड़कों ने किसी प्रोफेशनल डॉक्टर के साथ काम करके यह काम सीखा है और अब वे अनुष्का के साथ जुड़े हुए हैं. राम जी का दावा है कि डॉ. अनुष्का स्वयं सर्जरी में शामिल नहीं थीं. वह केवल दवाएँ लिखती हैं. मेरी सर्जरी में उन्होंने हाथ तक नहीं लगाया. ट्रांसप्लांट का परिणाम भी संतोषजनक नहीं था. जब मैंने नाराजगी जताई तो उन्होंने कहा कि आप दोबारा आ जाइए, हम फिर से ट्रांसप्लांट कर देंगे. लेकिन जितना दर्द और डर मैंने झेला, उसके बाद दोबारा जाने की हिम्मत नहीं हुई.
मैं तो किस्मत वाल हूं
राम जी सचान आगे बताते हैं, मैं खुद को बहुत किस्मत वाला मानता हूं कि मैं वहां से जिंदा लौट आया. जब मुझे पता चला कि उसी क्लिनिक में दो लोगों की मौत हो गई है, तो मैं अंदर से हिल गया. वे यह भी आरोप लगाते हैं कि डॉक्टर द्वारा दी गई पर्ची में न तो उनका नाम था और न ही किसी भी प्रकार की योग्यता या डिग्री का उल्लेख. पर्ची पर सिर्फ क्लिनिक का नाम छपा था. जिन लोगों ने मेरा ट्रांसप्लांट किया, उन्हें काम की पूरी समझ भी नहीं थी. हो सकता है यही लापरवाही इन मौतों का कारण बनी हो . राम जी सचान कहते हैं, जब मैंने उन लड़कों के चेहरे देखे, तो मुझे साफ समझ आ गया कि मैं गलत जगह आ गया हूँ. अब जब ये हादसा सामने आया है, तो मैं सोचता हूं कि मेरी जान बचना वाकई मेरी किस्मत थी.
कन्नौज-उन्नाव के युवकों ने भी की शिकायत
केशवपुरम की क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराने वालों की संख्या और होने की संभावना है. कन्नौज निवासी अभिषेक कटियार (बदला हुआ नाम) ने बताया कि वह अक्तूबर 2024 में मयंक कटियार के साथ डॉ. अनुष्का के क्लीनिक आए थे. उन्होंने वहां कुछ दिन अपना इलाज कराया. उनके माथे पर पहले संक्रमण हुआ और फिर सूजन आ गई थी. शिकायत करने पर क्लीनिक के स्टाफ ने इसे मामूली समस्या बता जल्दी ठीक होने की बात कह कर टरका दिया था. हालांकि समस्या ठीक नहीं हुई. संक्रमण की वजह से चेहरे को काफी नुकसान उठाना पड़ा.
विज्ञापन देखकर आया और अब तक परेशान
उन्नाव के अचलगंज निवासी एक युवक ने बताया कि विज्ञापन देखकर हेयर ट्रांसप्लांट क्लीनिक की जानकारी हुई थी . अगस्त 2024 में वह दोस्त को लेकर क्लीनिक आए थे. डॉक्टर ने उन्हें हेयर ट्रांसप्लांट का पूरा पैकेज बताया. इलाज शुरू हुआ. 15 दिन के इलाज के बाद अचानक उसके सिर में संक्रमण शुरू हो गया. देखते ही देखते पूरे चेहरे पर संक्रमण फैल गया और वो अब तक बिस्तर पर है.