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कजाकिस्तान की मस्जिद में भदोही की कालीन, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो गया नाम

भदोही की पटोदिया कॉन्ट्रैक्ट कंपनी ने कजाकिस्तान की अस्ताना ग्रैंड मस्जिद के लिए 12,464 वर्ग मीटर में फैली सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन बनाई है, जिसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है. इस कालीन के निर्माण में 1000 से अधिक कुशल कारीगरों ने कोविड-19 महामारी के दौरान छह महीनों में मेहनत की.

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कजाकिस्तान की मस्जिद में बिछी भदोही में बनी कालीन. (photo: ITG)
कजाकिस्तान की मस्जिद में बिछी भदोही में बनी कालीन. (photo: ITG)

विश्व प्रसिद्ध कालीन नगरी भदोही ने एक बार फिर अपनी हस्तकला और कुशल कारीगरों की मेहनत से भारत का नाम रोशन किया है. यहां निर्मित एक विशाल कालीन को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने दुनिया की सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन के रूप में मान्यता दी है. ये कालीन मध्य एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद- अस्ताना ग्रैंड (नूर-सुल्तान) मस्जिद में बिछाई गई है जो कजाकिस्तान में स्थित है. साथ ही इस उपलब्धि ने भदोही के कालीन उद्योग को वैश्विक पटल पर नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है. ये उपलब्धि भदोही को कालीन निर्माण के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगी.

इस ऐतिहासिक कालीन का निर्माण भदोही की प्रतिष्ठित पटोदिया कॉन्ट्रैक्ट कंपनी ने किया है जो कि 12,464 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैली हुई है जो मस्जिद के मुख्य प्रार्थना (नमाज) स्थल को आकर्षक रूप से सजाने का काम कर रही है.

जानकारी के अनुसार, कालीन का डिजाइन मस्जिद के बगीचे और जन्नत-उल-फिरदौस (स्वर्ग का सर्वोच्च स्तर) के प्रतीकात्मक तत्वों से प्रेरित है.

टेंडर प्रक्रिया में शामिल थी चीन-अमेरिका की कंपनियां

कालीन का निर्माण करने वाली कंपनी के अनुसार, इस कालीन के निर्माण में कई चुनौती का सामना करना पड़ा था. इस कालीन का कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए कई इंटरनेशनल टेंडर प्रक्रिया में चीन और अमेरिका की दिग्गज कंपनियां भी मैदान में थीं, लेकिन भदोही की कंपनी ने अपनी उत्कृष्टता और प्रतिस्पर्धी क्षमता से ये प्रमुख कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर लिया.

1000 कारीगरों ने तैयारी की कालीन

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कंपनी के अनुसार, कालीन का निर्माण काम साल 2021 में शुरू हुआ था. कोविड-19 महामारी के कठिन दौर में भी लगभग 1,000 से अधिक कुशल कारीगरों ने अपनी कला और  मेहनत से इसे मात्र छह महीनों में तैयार कर लिया. इसके बाद 50 दिनों के अंदर इस विशाल कालीन को मस्जिद में बिछाने का कार्य भी पूरा कर लिया गया. कालीन को स्थापित करने के लिए भदोही के कारीगर स्वयं कजाकिस्तान पहुंचे और अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया.

7 अक्टूबर को हुई घोषणा

मस्जिद में कालीन बिछाने के बाद कंपनी ने इसे गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में पंजीकृत कराया. कई महीनों की सघन जांच और सत्यापन प्रक्रिया के बाद 7 अक्टूबर को एक विशेष ऑनलाइन कार्यक्रम में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स ने आधिकारिक तौर पर इस कालीन को 'दुनिया की सबसे बड़ी हैंड टफ्टेड कालीन' घोषित किया. इस घोषणा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कंपनी के प्रतिनिधियों ने इस उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया.

भदोही के कालीन उद्योग में इस सफलता से उत्साह और गर्व का माहौल है. पटोदिया कॉन्ट्रैक्ट कंपनी के एक अधिकारी ने कहा, 'ये सम्मान न केवल भदोही के कारीगरों की कला का प्रमाण है, बल्कि पूरे भारत के हस्तशिल्प उद्योग की वैश्विक पहचान को मजबूत करेगा. हमारी मेहनत से भारत का नाम दुनिया भर में गूंजेगा.'

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