बांदा में पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर देने वाली एक चौंकाने वाली घटना सामने आई. एक शातिर और खूंखार बदमाश, जो एक पैर से लंगड़ा था, मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान चार सिपाहियों की मौजूदगी के बावजूद पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार हो गया. हालांकि अगले 24 घंटे के अंदर ही पुलिस की तीन टीमों ने मुठभेड़ के दौरान उसे पकड़ लिया. जवाबी फायरिंग में उसके दूसरे पैर में भी गोली लग गई, जिसके बाद उसे पुलिस अपने कंधों पर टांगकर अस्पताल ले आई.
उन्नाव जिले का रहने वाला अतुल सिंह नाम का बदमाश चोरी, लूट, हत्या के प्रयास, धोखाधड़ी और गैंगस्टर जैसे कुल 20 गंभीर मामलों में वांछित रहा है. इन मामलों में वह कई बार जेल जा चुका है और फिलहाल बांदा मंडल कारागार में निरुद्ध था. कुछ समय पहले उसके पैर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उसे 7 दिसंबर 2025 को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया. उसकी खतरे की प्रोफ़ाइल को देखते हुए सुरक्षा में चार सिपाहियों को तैनात किया गया था. लेकिन जैसे ही ड्यूटी पर तैनात सिपाही खाने-पीने में व्यस्त हुए, अतुल ने मौका निकाल लिया. उसी समय मेडिकल कॉलेज के गलियारे में लगे सीसीटीवी कैमरे में वह दिखाई दिया.
एक पैर से लंगड़ाते हुए, मगर तेजी से बाहर निकलता हुआ. फुटेज सामने आने के बाद पुलिस भी हैरान थी कि जिस व्यक्ति को चलना भी मुश्किल बताया गया था, वही सबसे बड़ी चुनौती बनकर सामने आया. कुछ ही मिनटों में चारों सिपाहियों को फरार बदमाश का अहसास हुआ और सभी के होश उड़ गए. उन्होंने तुरंत सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी. मामला गंभीर था, इसलिए देर रात ही आरोपी और सिपाहियों सभी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया. SP बांदा पलाश बंसल ने चारों सिपाहियों को तत्काल सस्पेंड कर दिया और विभागीय जांच के आदेश जारी कर दिए. साथ ही फरार आरोपी पर ₹25,000 का इनाम घोषित कर तीन टीमें उसकी तलाश में लगा दी गईं.
खाकी की सख्ती, 24 घंटे में पकड़ा गया
अतुल सिंह की फरारी के बाद पुलिस ने लगभग पूरे बांदा और आसपास के क्षेत्रों की घेराबंदी कर दी. बॉर्डर चेकपोस्ट से लेकर गांवों की गलियों तक वाहनों की तलाशी शुरू हो गई. मेडिकल कॉलेज के आसपास के इलाकों में तलाशी ली गई. पुलिस को आशंका थी कि आरोपी किसी परिचित के घर जा सकता है या खेतों-नालों के रास्ते जंगल की तरफ निकल सकता है. पुलिस को जानकारी मिली कि एक संदिग्ध युवक दोपहर के समय पचनेही मार्ग के पास खेतों में छिपा दिखाई दिया है. सूचना मिलते ही पुलिस की टीमें तेजी से पहुंच गईं. करीब आधे घंटे तक घेराबंदी चली. उसी दौरान आरोपी ने पुलिस टीम पर फायर झोंक दिया. यह गोली चलाना इस बात का संकेत था कि वह गिरफ्तारी से बचने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें एक गोली अतुल के दूसरे पैर में लगी. दोनों पैरों में चोट लगने के बाद वह भागने की स्थिति में नहीं रहा. पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया और कंधों पर टांगकर एंबुलेंस तक पहुंचाया. मेडिकल कॉलेज में उसे दोबारा भर्ती कराया गया.
दोनों पैर चोटिल, फरारी के बाद अब जेल वापस
फरारी की घटना में पहले से घायल एक पैर के बाद अब दूसरा पैर भी गोली से जख्मी हो गया. डॉक्टरों के अनुसार आरोपी फिलहाल चलने-फिरने की हालत में नहीं है और लंबे समय तक उसे अस्पताल में ही रहकर इलाज कराना पड़ेगा. पुलिस ने उसके कब्जे से एक अवैध तमंचा, दो जिंदा कारतूस, और तीन खोखा कारतूस बरामद किए. यह एक संकेत है कि आरोपी न सिर्फ फरार होने के लिए साजिशबद्ध था, बल्कि गिरफ्तारी से बचने के लिए हथियार का इस्तेमाल भी करने को तैयार था.