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आंखों से बह रहा खून... यहां फैला Mouse Fever, चपेट में आ रहे केवल ये लोग

यूक्रेन ने अपनी तरह का एक अनोखा दावा किया है. कहा गया है कि रूसी सैनिकों की आंखों से खून बह रहा है. उन्हें गंभीर सिरदर्द है और दिन में कई बार उल्टियां होती हैं. यूक्रेन ने ये भी कहा है कि यह बीमारी रूसी सैनिकों को 'नष्ट' कर रही है.  

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बताया जा रहा है कि माउस फीवर ने रूसी सैनिकों की हालत खराब कर दी है
बताया जा रहा है कि माउस फीवर ने रूसी सैनिकों की हालत खराब कर दी है

जिन्हें लग रहा है कि यूक्रेन और रूस के बीच का तनाव काम हो गया है उन्हें एक खबर को जान लेना चाहिए. दरअसल यूक्रेन ने एक ऐसी बीमारी के विषय में बताया है जिसमें लोगों की आंखों से खून बहता है, गंभीर सिरदर्द होता है और दिन में कई बार उल्टी होती हैं. यूक्रेन ने दावा किया है कि यह बीमारी रूसी सैनिकों को 'नष्ट' कर रही है.  यूक्रेन के मुख्य खुफिया निदेशालय ने कुप्यांस्क में रशियन यूनिट्स के बीच कथित माउस बुखार के फैलने की सूचना दी है. 

यह रोग एक प्रकार का स्ट्रेप्टोकोकल संक्रमण है और चूहों के सीधे संपर्क में आने या उनके मल में सांस लेने के माध्यम से मनुष्यों में फैलता है.

यूक्रेन की तरफ से इस बीमारी पर बात करते हुए कहा गया है कि, इस बीमारी के लक्षणों में गंभीर सिरदर्द, शरीर का तापमान 40 डिग्री तक बढ़ना, चकत्ते और लालिमा, ब्लड प्रेशर में कमी, आंखों में रक्तस्राव, मतली और दिन में कई बार उल्टी शामिल है.

एजेंसी ने दावा किया कि इस बीमारी को लेकर रूसी कमांडरों को लगातार शिकायतें मिल रही थीं जिन्हें उन्होंने नजरअंदाज किया. यूक्रेन ने ये भी दावा किया है कि इस बीमारी को रूसी सैनिक लड़ाई से बचने का बहाना मान रहे हैं. अंग्रेजी वेबसाइट स्काई न्यूज में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, कुपयांस्क की दिशा में कब्जाधारियों के सामने माउस बुखार एक बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है.

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बड़े पैमाने पर सैनिक इसकी चपेट में आ रहे हैं और उनकी तबियत ख़राब हो रही है. वहीं रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि माउस बुखार ने रूसी लड़ाकों की लड़ने की क्षमता को काफी कम कर दिया है. 

ऐसा तब हुआ जब क्रेमलिन ने कहा कि रूस को यूक्रेन में 22 महीने के युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत करने का कोई मौजूदा आधार नहीं दिखता है. युद्ध को लेकर दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि, हमारे लिए बातचीत का विचार प्रासंगिक नहीं है.

वहीं उन्होंने ये भी कहा है कि, हमने कई बार दोहराया है कि इन वार्ताओं का कोई आधार नहीं है. कहा ये भी गया है कि, जब हम अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे तो शांति होगी. 

बहरहाल, बात बीमारी की हुई है तो विश्व के तमाम देशों में कोरोना के मामलों ने पुनः दस्तक दे दी है. ऐसे में अब जबकि रूस में माउस फीवर आ गया तो साफ है कि इसने रूस की चुनौती दोहरी कर दी है.

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