यूके की एक महिला ने अपनी शानदार कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और एक फैक्ट्री में 32 हजार डॉलर सालाना की नौकरी कर ली. यह सैलरी उसकी हाई-पे कॉर्पोरेट जॉब से आधी से भी कम है,लेकिन वो इसमें खुश है. इसके पीछे की महिला ने जो वजह बताई वो आंख खोलने वाली है.
एक ब्रिटिश महिला ने अपनी हाई-पे कॉर्पोरेट नौकरी छोड़कर न्यूनतम वेतन पर फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया. उनका कहा है कि जीवन से तनाव दूर करने के लिए वेतन में भारी कटौती करना उचित था.
57 लाख रुपया सालाना की नौकरी छोड़ी
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, 56 साल की शैनी हैगन ने दो दशक तक बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजर के रूप में काम किया और प्रति वर्ष 66,000 डॉलर (57 लाख रुपये) कमाए. हैगन के अपने गृह नगर यॉर्क में रहती थी और इतने पैसों से एक लग्जरी लाइफ जी रही थी, लेकिन उसका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य खराब हो रहा था.
तनावपूर्ण रहा 20 साल तक कॉर्पोरेट जॉब करना
हैगन ने कहा कि मैं 20 सालों से इस पेशे में थी. यह हमेशा बहुत तनावपूर्ण रहा. उन्होंने साउथवेस्ट न्यूज सर्विस को बताया कि जब मैं छोटी थी, तब मैं इससे निपट लेती थी, लेकिन अब मैं खुद पर और अपने जीवन पर विचार करने के लिए समय चाहती थी. इसलिए हैगन ने इस नौकरी को छोड़ने का फैसला लिया.
फैक्ट्री में मिलते हैं 27 लाख रुपये सालाना
अब, हेगन को एक फैक्ट्री में एक कर्मचारी के रूप में नौकरी करती हैं. यहां जहां उन्हें प्रति वर्ष केवल 32,250 डॉलर (27 लाख रुपये) की कमाई होती है. यह पहले की तुलना में आधे से भी कम सैलरी है. फिर भी एक बच्चे की मां को कोई परेशानी नहीं है.
मई से हेगन एक कारखाने में काम कर रही हैं. जहां वह खाद्य सामग्री पैक करती हैं और उत्पादों पर लेबल लगाती हैं. साथ ही कंप्यूटर प्रबंधन का काम करती हैं और साफ-सफाई में मदद करती हैं. उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा और एक्टिव रहना चाहती थी. ताकि ज़्यादा शारीरिक काम कर सकूं और अपनी सेहत को ठीक कर सकूं. मैं शारीरिक श्रम करके अपना वज़न कम करना चाहती थी, जो मैंने कर लिया है. अब मुझे रविवार की शाम का डर बिल्कुल नहीं लगता.
वजन घटा और मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक हो गया
एक बच्चे की मां ने स्वीकार किया कि उन्हें अपने खर्च पर ध्यान देना पड़ता है, लेकिन उनका कहना है कि इससे उन्हें पेंटिंग के प्रति अपने जुनून को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय मिल जाता है. हेगन ने बताया कि वह मानसिक थकावट महसूस करने के बजाय मितव्ययी होना पसंद करेंगी. उन्होंने कहा कि किसी भी धनराशि से समय या स्वास्थ्य को वापस नहीं खरीदा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि मेरा मानसिक स्वास्थ्य पहले से बेहतर हो गया है. अब मुझमें एक फूर्ति आ गई है. मैं अब तक की जिंदगी में सबसे खुशनुमा दौर जी रही हूं और मुझे इसकी परवाह नहीं कि लोग इसके बारे में क्या सोचते हैं.