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ब्लैक मांबा ड्रग... जिसे लेने के कुछ सेकेंड्स में बॉडी बन जाती है जॉम्बी, जैसे बैठे हैं, वैसे रह जाते हैं!

दुनिया का सबसे जहरीले सांप 'ब्लैक मांबा' होता है. एक ड्रग्स इतना खतरनाक है कि उसका नाम लोगों ने 'ब्लैक मम्बा' रख दिया है. यह ड्रग्स इन दिनों ब्रिटेन में खूब बिक रहा है.इसके सेवन का ऐसा असर होता है कि लोग जिंदा लाश बन जाते हैं. इसका नशा करने के बाद लोग 'जॉम्बी' की तरह बर्ताव करते दिखते हैं. यह जहर ब्रिटेन के शहरों को 'जॉम्बीलैंड' बना रहा है.

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लोगों को जॉम्बी बना देता है ब्लैक मम्बा ड्रग्स (Photo - Pixabay)
लोगों को जॉम्बी बना देता है ब्लैक मम्बा ड्रग्स (Photo - Pixabay)

कई हॉरर मूवी में 'जॉम्बी' को दिखाया जाता है. जॉम्बी एक काल्पनिक पात्र हैं.  माना जाता है कि जॉम्बी वैसे लोग होते हैं, जो मरने के बाद, फिर से जी उठते हैं. किसी फिल्म में वायरस की वजह से मुर्दों को जिंदा होते दिखाया गया है, तो किसी फिल्म में जादू या दूसरे अजीब वजहों से. मतलब साफ है कि चलते-फिलते जिंदा लाश को जॉम्बी कहा जाता है, जिनमें सोचने-समझने की शक्ति नहीं होती. वे बोल भी नहीं सकते हैं. बस वह किसी तरह लड़खड़ाकर उठ, बैठ और चल पाते हैं. 

खौफनाक 10 पाउंड की 'ब्लैक मांबा' ड्रग ब्रिटेन के शहर को ऐसे 'जॉम्बी' से भरे 'जॉम्बीलैंड' में बदल रहा है. इस नाम की एक फिल्म भी है, जिसमें कुछ इंसानों को छोड़कर सारे लोग जॉम्बी बन जाते हैं. इसी तरह ब्रिटेन के शहरों में लोग जहरीले सांप  ब्लैक मम्बा' के जहर से बने ड्रग का सेवन कर  ऐसे बेसुध हो जा रहे हैं कि वो बस एक 'जॉम्बी' बनकर रह जाते हैं.

एक युवक ठंडी पत्थर की सीढ़ियों पर, सर्दियों की गर्म धूप में बैठा है, सिगरेट जलाने के लिए संघर्ष कर रहा है, फिर एक लंबा कश लेकर धुआं बाहर निकालता है.कुछ मिनट बाद, वह खड़ा होता है, चौक के उस पार कुछ कदम चलता है, अपनी पतलून से कुछ झाड़ने के लिए झुकता है, और बस... वहीं रुक जाता है, जैसे पत्थर का बन गया हो. 

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क्या है 'ब्लैक मम्बा'
द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, युवक जो सिगरेट पी रहा है, उसका धुआं किसी साधारण सिगरेट या सामान्य गांजे के जॉइंट का नहीं है. वह बर्मिंघम में जानलेवा ड्रग 'ब्लैक मांबा' का सेवन करने वाले कई लोगों में से एक है, जो उसे कुछ समय के लिए एक जिंदा लाश की तरह बना देता है.

ब्लैक मम्बा, सूखे भांग के पौधे या अन्य पौधों के पदार्थों से बना है.  प्रयोगशाला में निर्मित इस ड्रग्स पर रसायनों से छिड़काव किया जाता है, जिससे यह और भी ज्यादा नशीला बन जाता है. भांग के मनोसक्रिय घटक टीएचसी के प्रभावों की नकल करता है. ये ड्रग्स शहर में मौत और विनाश का तांडव मचा रहा है.

यह अत्यधिक शक्तिशाली है और इससे वह स्थिति उत्पन्न होती है जिसे नशा करने वालों के बीच 'काउच लॉक' के रूप में जाना जाता है. एक ऐसी स्थिति जिसमें इस ड्रग्स का सेवन करने वाला इतने नशे में हो जाता है कि वह एक ही स्थान पर स्थिर हो जाता हैं. वह बिल्कुल भी हिलने-डुलने में असमर्थ होता है.

इस खतरनाक ड्रग्स का ऐसा होता है प्रभाव
बर्मिंघम के स्थानीय लोग बताते हैं कि सड़कों पर मूर्तियों की तरह खड़े, झुके हुए और गतिहीन लोगों का दृश्य रोजमर्रा के नजारे हैं.  32 वर्षीय एबी जोन्स ने बताया कि मैंने देखा है कि पिछले एक साल में लोग खड़े तो रहते हैं, लेकिन कुछ हद तक बेसुध से ज़ॉम्बी की तरह बन जाते हैं. 

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अक्सर आप उन्हें सुबह पिजन पार्क (पुराने चौक के लिए एक स्थानीय शब्द) में देखते हैं, या तो सिर झुकाए खड़े होते हैं या लेटे होते हैं, और मुझे नहीं लगता कि वे बोल भी सकते हैं. यह भयावह है, आप उन्हें पूरे शहर में ऐसे लोगों के झुंड को देख सकते हैं, इसलिए यह स्पष्ट रूप से एक बड़ी समस्या है.

29 साल के समीर एलसईद ने कहा कि वह पिछले दो साल से मध्य बर्मिंघम में रह रहा है. उन्होंने बतया कि  मुझे ऐसे लोगों को देखने की आदत हो गई है जो कभी-कभी बेघर लगते हैं. खड़े तो होते हैं लेकिन झुके हुए होते हैं. मुझे लगता है कि उनमें से कई तीस साल की उम्र के आसपास के हैं. शहर के बीचोंबीच रहने के कारण मेरी उनसे अक्सर मुलाकात होती रहती है.

समीर ने बताया कि मेरी बिल्डिंग में एक ड्रग डीलर रहता था. उसे सुबह 4-5 बजे लोगों के आने-जाने और पैसों को लेकर लोगों से झगड़ते सुना जा सकता था. ऐसा लगता है कि यहां नशीली दवाओं का प्रचलन व्यापक है. जिस दिन द सन ने इस इलाके का दौरा किया, हमने पहुंचने के आधे घंटे के भीतर ही एक ऐसी घटना देखी जो ड्रग्स के सौदे जैसी लग रही थी, क्योंकि एक आदमी दो अन्य लोगों से मिला, उनके साथ चला, उन्हें कुछ दिया और फिर मुड़कर जाने लगा. उन लोगों की मुट्ठियां बंद थी, जैसे उसमें कुछ हो.

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एक अज्ञात महिला ने हमें बताया कि यह शहर साइमन पेग की फिल्म 'शॉन ऑफ द डेड' के एक दृश्य जैसा था. हमने कई लोगों को खुलेआम गांजा पीते हुए देखा. दरवाजों पर एक साथ झुके हुए शरीर और खड़े होने पर भी झुके हुए लोग थे. ऐसे नजारे बताते हैं कि ब्लैक मम्बा को 'जॉम्बी ड्रग' क्यों कहा जाता है.

बर्मिंघम में सबसे ज्यादा लोग हैं शिकार
बर्मिंघम में नशा करने वालों के लिए, जिनमें कई बेघर लोग भी शामिल हैं, ब्लैक मम्बा स्पाइस की तरह ही एक सस्ता और तुरंत असर करने वाला नशा है , जो आसानी से उपलब्ध है. 3 ग्राम की कीमत मात्र 10 पाउंड है, जिससे उपयोगकर्ता कई बार नशा कर सकता है.यह तरल रूप में भी पाया जा सकता है और अवैध वेप्स में भी मौजूद है.

ब्लैक मांबा 2016 में साइकोएक्टिव सब्सटेंसेस एक्ट के तहत प्रतिबंधित होने तक यूके में एक कानूनी नशा था. अब यह क्लास बी का नशा है, जिसका कब्ज़ा रखना, खरीदना या बेचना गैरकानूनी है.यह शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से अत्यधिक व्यसनकारी है. इसकी सहनशीलता जल्दी विकसित हो जाती है, जिसका अर्थ है कि अधिक मात्रा की आवश्यकता होती है.

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