म्यूजियम में एक से बढ़कर एक महंगा आर्टवर्क देखने को मिलता है. अपनी खूबियों के कारण ही मामूली सा दिखने वाला ये सामान भी लाखों करोड़ों की कीमत में बिकता है. मगर एक म्यूजियम के कर्मचारी ने इसी बात का फायदा उठाया और मालामाल हो गया. उसने म्यूजियम में रखे असली आर्टवर्क को नकली से बदल दिया. एक पेंटिंग के दम पर ही वो लखपति भी बन गया. उसने रोल्स रॉयस कार और महंगी वॉच खरीद लीं.
मामले का खुलासा होते ही इस शख्स को चोरी का दोषी ठहराया गया है. मामला जर्मनी का है. वो इस म्यूजियम में मई 2016 से अप्रैल 2018 तक काम करता था. उसे 21 महीने के लिए सस्पेंड किया गया है. उस पर 60,600 यूरो (करीब 52 लाख रुपये) का जुर्माना भी लगाया गया. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 30 साल के एक मामूली कर्मचारी ने "Das Märchen vom Froschkönig" नाम की असली पेंटिंग चोरी की. इसमें एक फ्रॉग प्रिंस की कहानी बताई गई थी. फिर इसके स्थान पर उसने एक नकली पेंटिंग रख दी. अब जो असली वाली पेंटिंग थी, वो उसने चोरी छिपे नीलाम कर दी.
शख्स ने म्यूजियम से पेंटिंग चोरी करने के बाद एक ऑक्शन हाउस में जाकर उसे दे दिया. यहां उसने कहा कि ये उसके दादा दादी के समय से उसके पास है. बाद में उसने इस असली पेंटिंग को 70,000 यूरो (करीब 61 लाख रुपये) में बेच दिया. इसमें से शख्स को 50,000 यूरो (करीब 43 लाख रुपये) मिले. बाकी के ऑक्शन हाउस ने अपनी फीस के तौर पर रख लिए. इस पैसे से उसने महंगी गाड़ी और वॉच खरीदीं. अपना सारा कर्ज चुका दिया.
मामले का खुलासा तब हुआ, जब एक मामूली कर्मचारी के पास लोगों ने रोल्स रॉयस कार देखी. अदालत ने कहा कि शख्स ने बेशर्मी के साथ स्टोरेज रूम में अपनी पहुंच का गलत फायदा उठाया है. उसे इस सामान की देखरेख करनी चाहिए थी, लेकिन उसने इसे ही चोरी कर लिया. उसने इस महंगी पेंटिंग के साथ ही तीन और पेंटिंग की भी चोरी की. इनमें से दो उसने बेच दीं. तीसरी बेचने से पहले ही वो पकड़ा गया.