
आम तौर पर सब्जियां विटामिन और आयरन से भरपूर होती हैं लेकिन कुछ जंगली पौधे या उनके फल स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक रिस्की हो सकते हैं. हाल में एक शख्स के साथ एक खास सब्जी खाने के चलते कुछ ऐसा हुआ जो उसने सपने में भी नहीं सोचा था. मशरूम की एक प्रजाति को खाने के चलते उसके शरीर में खतरनाक रिएक्शन हो गया. उसकी स्किन लाल होकर इतनी दर्दनाक दिखने लगी कि उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
इतना दर्द की सोना मुश्किल
हाल ही में "द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन" ने उनके इस फंगस इंफेक्शन का डीटेल दिया था. केस स्टडी के अनुसार, 72 वर्षीय मरीज ने कथित तौर पर खाने में शियाटेक मशरूम खाया था. लाइवसाइंस की रिपोर्ट के अनुसार, ये खाना खाने के दो दिन बाद तक सब ठीक था. अचानक उनकी पीठ पर खुजलीदार रैश हो गए. ये रैश इतने दर्द कर रहे थे कि उनके लिए सोना भी मुश्किल हो गया था.
पीठ और कूल्हे पर खतरनाक धारियां
"द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन" द्वारा जारी तस्वीर में मरीज की पीठ और कूल्हे पर खतरनाक धारियां दिखाई दे रही हैं. ऐसा दिख रहा है कि मानो किसी ने उसकी पीठ पर कोड़े बरसाए हैं. शख्स जब बुरी हालत में डॉक्टर के पास पहुंचा तो डॉक्टरों ने उसे "शिइटेक डर्मेटाइटिस" से संक्रमित पाया, ये तब होता है जब कोई कच्चा या अधपका मशरूम खाता है.

मशरूम खाने से क्यों होते हैं ये रैश
पहली बार 1977 में जापान में दर्ज की गई, यह बीमारी एशिया में सबसे आम है, जहां शिइटेक का सबसे अधिक सेवन किया जाता है. यूरोप और उत्तरी और दक्षिण अमेरिका में भी ये पाया गया है. इसमें शरीर पर रैश विशेष रूप से लेंटिनन के कारण होते हैं.
इस इंफेक्शन से कैसे बचें?
इसमें भद्दे घावों के साथ, शिइताके डर्मेटाइटिस के रोगियों को सूजन, बुखार, दस्त, होठों और हाथों/पैरों में झुनझुनी और निगलने में परेशानी का भी अनुभव हो सकता है. लेटिनन गर्म होने पर टूट जाता है, यहां अगर ये शिइटेक मशरूम ढंग से उबाले और पकाए जाएं तो इस स्थिति से बचा जा सकता है. विशेषज्ञों के अनुसार मशरूम को 145 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान पर अच्छी तरह से पकाकर खाने से शिइटेक डर्मेटाइटिस नहीं होता है.
बताते चलें कि बाद में मरीज को खुजली से राहत पाने के लिए स्टेरॉयड और एंटीहिस्टामाइन का एक कोर्स दिया गया, जबकि दाने अंततः अपने आप ठीक हो गए. डॉक्टरों ने उसे आगे से शिइटेक मशरूम को पूरी तरह से पकाकर ही खाने की भी चेतावनी दी.