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'हमास के आतंकी ने बेटे का सिर काटकर लाखों में बेचा', इजरायली पिता ने बयां किया दर्द

हमास के आतंकियों को लेकर जो दावा एक मृत फौजी के पिता ने किया है वो हैरान करने वाला है. पिता के अनुसार हमास ने न केवल उसके फौजी बेटे की निर्मम हत्या की. बल्कि उसका सिर काट कर उसे लाखों रुपए में बेचने की कोशिश भी की.

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हमास के आतंकियों को लेकर जो दावा इजरायल के एक पिता ने किया है वो बेहद डरावना है 
हमास के आतंकियों को लेकर जो दावा इजरायल के एक पिता ने किया है वो बेहद डरावना है 

हमास के आतंकवादी किस हद तक वहशी हैं? एक मामले ने एक बार फिर इस सवाल का जवाब दिया है. हमास के एक आतंकी ने कथित तौर पर करीब आठ लाख बत्तीस हजार रुपए में एक इजरायली सैनिक के कटे हुए सिर को बेचने का प्रयास किया. बताते चलें कि जेरूसलम के 19 वर्षीय सार्जेंट अदिर ताहर का क्षत-विक्षत सिर को पहले हमास आतंकी ने काटा फिर उसे बेचने के लिए रखा. सार्जेंट ताहर 7 अक्टूबर को गाजा से इजरायल में हमास के हमले के दौरान ग्रेनेड फेंके जाने के बाद मारा गया था.

सार्जेंट ताहर हमले के दौरान मारे गए उन 1,200 लोगों में से एक था जिन्हें इजरायल के दक्षिण में हमास के आतंकियों द्वारा मारा गया था. मारे गए इस फौजी के पिता डेविड ताहर ने चैनल 14 से बात करते हुए जो कहानी बताई है वो दिल दहला देने वाली है.

पिता के कहा है कि मृत्यु के बाद सार्जेंट ताहर का सिर उसे क़त्ल करने वाले फौजी ने काट दिया था. पिता ने अपने बेटे के शव के साथ किये गए इस दुर्व्यवहार को 'बेहद बर्बरतापूर्ण' करार दिया है. इसके बाद डेविड ने अदिर के सिर को गाजा से लाने की प्रतिज्ञा की.

उनका मानना था कि दफनाए जाने के बाद, इससे ही अदीर के शरीर और मन को सुकून मिलेगा. बताया ये भी जा रहा है कि सार्जेंट ताहर के सिर को इजरायली रक्षा बल के सैनिकों ने गाजा में एक फ्रीजर में टेनिस गेंदों से भरे डफ़ल बैग में पाया था.

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डेविड ने कहा कि आईडीएफ ने उन्हें बताया कि पूछताछ के बाद पकड़े गए आतंकवादियों में से एक ने स्वीकार किया कि वह करीब आठ लाख बत्तीस हजार रुपए में सिर बेचने की कोशिश कर रहा था. 

चैनल से बात करते हुए डेविड ने ये भी कहा कि, 'आतंकवादियों, बर्बर लोगों ने उसका सिर काट दिया और सिर को गाजा ले गए. मैंने वह सब कुछ किया जो मैं कर सकता था, यह आसान नहीं था, अंत में मुझे बिना सिर का शरीर मिला. मैंने आग्रह किया कि सेना मुझे शव देखने दे.'

आगे उन्होंने ये भी कहा कि, 'उन्होंने (सेना ने ) मुझे समझाने की कोशिश की कि मुझे इसे (फौजी की लाश को) नहीं देखना चाहिए. पिता ने ये भी बताया कि उसने ताबूत में अपने बेटे का शरीर गोलियों के घावों से भरा हुआ और बिना सिर के देखा.

शव इतनी बुरी हालत में था कि उसकी पहचान उसके कुत्ते के टैग और डीएनए परीक्षण से हुई. पिता ने आगे कहा, 'अपने बच्चे को दफनाने से आधे घंटे पहले, उसका शव माउंट हर्ज़ी पर आया, मैंने उस वक़्त ताबूत खोला जब मैं अकेला था.

मुझे तब समझ आया कि मैं क्या दफना रहा हूं. वह पहचानने योग्य नहीं था. पिता के अनुसार, जब मैंने आदिर को दफनाया तो मुझे पता था कि मैं अपने बच्चे को उसके किसी महत्वपूर्ण अंग के बिना दफना रहा हूं. फिर उस लापता हिस्से को तलाश करने की यात्रा शुरू हुई...

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यह एक चमत्कार है कि हम अंततः उसका सिर वापस पाने में सफल रहे. हमने उसका डीएनए परीक्षण किया और फिर उसे भी दफ़न कर दिया.   

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