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गहरे पानी में खींच ले गया मगरमच्छ, घंटे भर बाद इस हाल में बाहर निकली महिला!

38 साल की एक महिला पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया था और गहरे पानी में घसीट ले गया था. घंटे भर से ज्यादा समय तक महिला मगरमच्छ के चंगुल में फंसी रही. आखिर में वो चमत्कारिक ढंग से जिंदा बच निकली.

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मगरमच्छ के हमले से बच निकली महिला (सांकेतिक फोटो- गेटी)
मगरमच्छ के हमले से बच निकली महिला (सांकेतिक फोटो- गेटी)

जाको राखे साईंया मार सके ना कोय... ये कहावत मौत के मुंह से बाहर आई 38 साल की एक महिला पर एकदम फिट बैठती है. मगरमच्छ ने उस पर हमला कर दिया था और गहरे पानी में घसीट ले गया था. घंटे भर से ज्यादा समय तक महिला मगरमच्छ के चंगुल में फंसी रही. फिर भी वो चमत्कारिक ढंग से जिंदा बच निकली. सोशल मीडिया पर उसकी कहानी चर्चा में है. मामला इंडोनेशिया का है. 

मेट्रो यूके की रिपोर्ट के मुताबिक, 38 वर्षीय फल्मिरा ताड़ के तेल (Palm Oil) के बागान में काम करने वाली श्रमिक है. वह पिछले गुरुवार (27 जुलाई) को एक झरने से पानी भर रही थी. फल्मिरा इस बात से अनजान थी कि मगरमच्छ घास-फूस के नीचे छिपा हुआ है. जैसे ही वो झरने के पास पहुंची मगरमच्छ ने उसे पानी में खींच लिया. 

फल्मिरा मदद के लिए चिल्लाई लेकिन तब तक मगरमच्छ उसे गहरे पानी में घसीट ले गया. साथी कर्मचारी उसे बचाने के लिए दौड़ पड़े. उन्होंने लाठी-डंडों से मगरमच्छ को पीटना शुरू कर दिया ताकि फल्मिरा को उसके चंगुल से छुड़ाया जा सके. लेकिन इस पूरी कवायद में घंटे भर से ज्यादा बीत गए. लेकिन फल्मिरा ने हार नहीं मानी. 

अस्पताल में भर्ती फल्मिरा

 
आखिर में पानी से हटकर दलदल में मगरमच्छ ने अपनी पकड़ ढीली की और उसके चंगुल से फल्मिरा बाहर आ गई. इस दौरान काफी लोग मौजूद थे. उन्होंने फल्मिरा को बचाने में जी जान लगा दिया. हालांकि, उसे गंभीर चोटें आईं. फिलहाल, फल्मिरा को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. 

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इलाज के दौरान फल्मिरा ने कहा- मैं अस्पताल में लेटी हूं और अभी भी दिमाग में मगरमच्छ को देख रही हूं. उसे महसूस कर रही हूं. फल्मिरा आगे कहती है- जब मगरमच्छ ने मुझे पकड़ा तो मैं दर्द से चीख उठी. मैं भाग नहीं सकी. बस यही लगा कि मरने वाली हूं. लेकिन खुशकिस्मती से बच निकली. 

बता दें कि हाथ, पैर, पेट में गहरे घाव के कारण फाल्मिरा अभी चल फिर नहीं सकती. शरीर में संक्रमण का खतरा है. बकौल फल्मिरा- मैं उन लोगों की बहुत आभारी हूं जिन्होंने मुझे बाहर निकालने में मदद की और मेरी जान बचाई. 

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