scorecardresearch
 

रोज क्लास में सो जाता है स्टूडेंट, कंधे पर लादकर घर पहुंचाता है टीचर, इमोशनल कर देगी वजह

दक्षिण-पश्चिमी चीन के चोंगकिंग डियानजियांग सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक जू लोंगजुन को 7 मार्च को स्कूल कैंपस में एक टीनएजर लड़के को कंधे पर लादकर ले जाते हुए एक सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था. मालूम हुआ कि वे दो सालों से खास कारण से ऐसा कर रहे हैं.

Advertisement
X
सांकेतिक तस्वीर (pexels)
सांकेतिक तस्वीर (pexels)

आम तौर पर अगर कोई बच्चा स्कूल में पढ़ते हुए सो जाए तो टीचर से उसकी डांट पड़ना तय है. लेकिन चीन के एक स्कूल में एक टीचर रोज क्लास में सो जाने वाले अपने एक छात्र को पीठ पर लादकर कार में बैठाता है और उसके घर पहुंचाता है. सुनने में ही अजीब लगता है कि भला कोई टीचर ऐसा क्यों करेगा?
 
स्थानीय समाचार आउटलेट cqnews.net की रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण-पश्चिमी चीन के चोंगकिंग डियानजियांग सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक जू लोंगजुन को 7 मार्च को स्कूल कैंपस में एक टीनएजर लड़के को कंधे पर लादकर ले जाते हुए एक सीसीटीवी कैमरे में देखा गया था.

बाद में मालूम हुआ कि जू 2 सालों से रोज उस लड़के को अपनी कार में बैठाकर घर पहुंचाता जहां उसकी देखभाल उसके दादा-दादी करते हैं. बच्चे को नार्कोलेप्सी है, जिसमें बहुत अधिक नींद आती है. पीड़ित को दिन में भी इतनी नींद आ जाती है कि उन्हें जगाना मुश्किल हो सकता है.

समाचार आउटलेट द पेपर के अनुसार ये दुर्लभ बीमारी दुनिया में केवल 0.03 से 0.16 प्रतिशत आबादी को प्रभावित करती है. ये किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन किशोर लड़कों में अधिक आम है. हुआंग शिचांग, ​​पेकिंग यूनिवर्सिटी नंबर 1 के एक डॉक्टर ने baidu.com को बताया कि यदि स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो पीड़ित धीरे-धीरे अपनी याददाश्त, कंसन्ट्रेशन की क्षमता और कॉर्डिनेशन स्किल खो सकते हैं.

जू ने कहा कि उन्होंने पहली बार 2 साल पहले यिनयुआनको क्लास में सोते देखा था. उसने लड़के के चेहरे पर पानी छिड़का और उसे जगाने की कोशिश में उसे चुटकी काटी, लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ. टीचर ने यिनयुआन के परिवार को सूचित किया और उसे अस्पताल ले जाने को कहा. यहां डॉक्टरों ने लड़के को नार्कोलेप्सी से पीड़ित पाया. इलाज के बावजूद लड़के की हालत ठीक नहीं हुई है लेकिन थोड़ा सुधार हुआ है.उसे अब स्लीपिंग के कम अटैक आते हैं.

Advertisement

जू ने कहा कि वह इसलिए लड़के की देखभाल करते हैं और उसे घर पहुंचाते हैं क्योंकि उसके साथ दुर्घटना हो सकती है. जू ने माना, लगभग 40 किलोग्राम वजन वाले लड़के को बेसमेंट क्लासरूम से पार्किंग तक अपने कंधे पर ले जाते हैं. उन्होंने कहा मुझे धीरे-धीरे चलना होता है ताकि वह गिर न जाए. यिनयुआन के माता-पिता तलाकशुदा हैं और वह अपने दादा-दादी के साथ रहता है. उसके दादा- दादी ने कहा- टीचर जू की मदद के कारण, हमने बच्चे को स्कूल भेजने का साहस किया वरना ये नामुमकिन होता. 
 

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement