स्कूल में बच्चों को हथियार से उससे जुड़ी चीजें ऑपरेट करना सिखाया जाना कोई आम बात नहीं है. लेकिन हाल में एक देश में ऐसी पहल होने जा रही है. दरअसल, यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच रूसी बच्चों को उनके स्कूल में "लड़ाकू ड्रोन" चलाना सिखाए जाने की तैयारी है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के क्रेमलिन की आधिकारिक घोषणा ने पुष्टि की कि स्कूली बच्चों को उनके कोर्स के हिस्से के रूप में युद्ध की स्थिति के लिए मानव रहित हवाई वाहन (यूएवी) ऑपरेट करना सिखाया जाएगा.
पहले से ही सिखाए जाते हैं युद्ध के मूल सिद्धांत
रूस के अमूर क्षेत्र के सीनेटर, आर्टेम शेइकिन ने सैन्य ड्रोन पर लेसन का प्रस्ताव रखा है, जिन्हें पारित किया जाना है और 1 सितंबर को नए कार्यकाल की शुरुआत होगी. रूस के प्रथम उप रक्षा मंत्री रुस्लान त्सालिकोव द्वारा दिए गए एक बयान में इस योजना की पुष्टि की गई है. यहां छात्रों को युद्ध के मूल सिद्धांत पहले से ही सिखाए जाते हैं.
कोर्स में सिखाई जाएगी ये चीज
शेइकिन का कहना है कि कोर्स ये सिखाएगा कि "इलाके की टोही और दुश्मन के ड्रोन यूज करने के मेथड" का उपयोग कैसे किया जाए. उन्होंने कहा, "मौजूदा सेना के पास सिर्फ कलाश्निकोव असॉल्ट राइफल नहीं है, बल्कि हाई क्वालिटी ड्रोन भी हैं."
युद्ध में यूक्रेन की बड़ी भूमिका
न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, ड्रोन ने यूक्रेन में युद्ध में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. रूसी सैनिकों ने यूक्रेनी शहरों और बंदरगाह कस्बों पर हमला करने के लिए इस तकनीक का उपयोग किया है. साथ ही यूक्रेनियन भी रूस को निशाना बनाने के लिए ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं.
"बेसिक्स ऑफ लाइफ सेफ्टी" कोर्स
सैन्य प्रशिक्षण योजनाओं को युद्ध की स्थिति के बीच "बेसिक्स ऑफ लाइफ सेफ्टी" कोर्स के तहत 1 सितंबर से माध्यमिक विद्यालय के पाठ्यक्रम में लागू किया जाना है. लेकिन ब्रिटिश खुफिया सेवा का मानना है कि छात्रों को सोवियत संघ की रणनीति के समान ही ये सब सिखाया जाएगा. कोर्स के कुछ हिस्सों में युवाओं को अपने हथियार प्रशिक्षण और यूएवी संचालन के साथ-साथ सही "सैन्य अभ्यास और सलामी" करना सिखाया जाएगा. बता दें कि साल 1993 तक स्कूलों में इसी तरह का प्रशिक्षण अनिवार्य था."