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अमेरिका ने पाकिस्तान की सहायता राशि में की कटौती

अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद करने के लिए पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को देशद्रोह के जुर्म में सजा सुनाए जाने से नाराज सीनेट की एक समिति ने इस्लामाबाद को दी जाने वाली सहायता में तीन करोड़ 30 लाख डॉलर की कटौती कर दी है.

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अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए को ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में मदद करने के लिए पाकिस्तानी डॉक्टर शकील अफरीदी को देशद्रोह के जुर्म में सजा सुनाए जाने से नाराज सीनेट की एक समिति ने इस्लामाबाद को दी जाने वाली सहायता में तीन करोड़ 30 लाख डॉलर की कटौती कर दी है.

डा.अफरीदी को 33 साल की सजा सुनाई गई है और जो कटौती की गई है उसका मतलब है कि पाक को हर साल 10 लाख डॉलर की मदद से वंचित रहना होगा.

सीनेटर लिंडसे ग्राहम द्वारा लाए गए प्रस्ताव को गुरुवार को सीनेट की विनियोग समिति ने सर्वसम्मति से मंजूर कर लिया. इस कदम से अमेरिका के बदलते रूख, खास कर पाकिस्तान के प्रति अमेरिकी सांसदों की बढ़ती नाराजगी का पता चलता है. अफरीदी को जितने वर्ष की सजा सुनाई गई है उसी के आधार पर प्रतिवर्ष 10 लाख डॉलर के हिसाब से पाकिस्तान की सहायता में कमी की गई है.

सीनेट की विनियोग समिति में इस प्रस्ताव के पक्ष में कुल 30 मत पड़े. किसी ने भी इसके खिलाफ मतदान नहीं किया.

इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद सीनेट की एक अन्य समिति ‘सीनेट आर्म्ड सर्विसेज कमेटी’ ने गठबंधन समर्थन निधि (सीएसएफ) के एक अरब 75 करोड़ डॉलर की राशि की उपलब्धता को भी सीमित कर दिया है. यह प्रतिबंध उस वक्त तक जारी रहेगा जब तक रक्षा मंत्री इस बात की पुष्टि नहीं करते कि अफरीदी को जेल नहीं भेजा जाएगा.

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समिति ने एक बयान में कहा कि वह अफगानिस्तान में की जा रही कोशिशों का समर्थन करने वाले देशों के खर्च की भरपाई करने के लिए एक अरब 75 करोड़ डॉलर की सीएसएफ को अधिकृत करती है लेकिन पाकिस्तान के मामले में इसकी उपलब्धता को उस वक्त तक सीमित करती है जब तक रक्षा मंत्री इस बात की पुष्टि नहीं कर देते कि इस्लामाबाद ने चुनिंदा मानदंडों को पूरा किया है.

मानदंडों में अमेरिकी, अफगानी और बंठबंधन सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह मुहैया नहीं कराना और ओसामा बिन लादेन का पता लगाने वाले डॉक्टर शकील अफरीदी को जेल नहीं भेजना शामिल है.

समिति का कहना है, ‘रक्षा मंत्री अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रमाणपत्र के लिए इन मानदंडो को लागू करेंगे. समिति ने यह बात भी साफ की है कि अफगानिस्तान में रसद आपूर्ति के रास्ते बंद रहने तक पाकिस्तान द्वारा सीएसएफ निधि से मांगी गई किसी भी राशि का भुगतान नहीं किया जायेगा.’

अमेरिका का कहना है कि डॉ शकील अफरीदी को राजद्रोह के जुर्म में सजा सुनाए जाने का कोई आधार नहीं है. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने अफरीदी की सजा को ‘अन्यायपूर्ण और अवांछित’ बता कर उसकी निंदा की है.

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हिलेरी ने कहा, ‘हमें उन्हें दोषी ठहराए जाने पर और उन्हें जो सजा सुनाई गई है उस पर अफसोस है.’

उन्होंने कहा, ‘हम यह मुद्दा उठा रहे हैं और उठाते रहेंगे क्योंकि हमें लगता है कि उनके साथ (पाकिस्तानी डॉक्टर के साथ) जो किया गया है वह अन्यायपूर्ण तथा अवांछित है.’

सीनेट का नया फैसला बताता है कि वर्ष 2013 के लिए पाकिस्तान की 80 करोड़ डॉलर की सहायता का चार फीसदी अलग कर दिया गया है. इसमें 25 करोड़ डॉलर की विदेशी सहायता और आतंकवाद से निपटने के पाकिस्तान के प्रयासों के लिए पांच करोड़ डॉलर की राशि शामिल है.

कुल 80 करोड़ डॉलर की यह राशि उस दो अरब तीस करोड़ डालर से बहुत कम है जिसका ओबामा प्रशासन ने पाकिस्तान के लिए अनुरोध किया था. इस सप्ताह के शुरू में प्रतिनिधि सभा की एक अन्य समिति ने ऐसी ही सिफारिश की थी.

सीनेटर पैट्रिक लेही और सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने पाकिस्तान को शिजोफ्रेनियाग्रस्त सहयोगी करार दिया है जिसे इस्लामी उग्रवादियों के हाथों गहरा नुकसान हुआ है जबकि इसी दौरान वह हक्कानी नेटवर्क और अन्य समूहों को शरण भी दे रहा है. लेही ने कहा कि अगर यही सहयोग है तो वह इसे पसंद नहीं करेंगे.

प्रभावशाली सीनेटर डियाने फेंस्टीन ने कहा कि पाकिस्तान को अब तक आतंकवादियों के हाथों गंभीर नुकसान हुआ है और उसने अब तक राजद्रोह को समझे बिना अफरीदी को दोषी ठहरा दिया. उन्होंने यह भी कहा कि अफरीदी जासूस नहीं है.

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डॉ अफरीदी पर ऐबटाबाद में सीआईए की मदद के लिये फर्जी टीकाकरण कार्यक्रम चलाने का आरोप है. बिन लादेन ऐबटाबाद में ही छिपा था और पिछले साल दो मई को अमेरिका के एक गोपनीय अभियान में मारा गया था.

डॉ अफरीदी के कार्यक्रम का उद्देश्य ऐबटाबाद के परिसर में छिपे बिन लादेन के परिवार के किसी भी सदस्य के डीएनए का नमूना हासिल करना था.

पाकिस्तान ने सीमांत अपराध विनियमन (एफसीआर) कहलाने वाले कबायली कानूनों के तहत डॉ अफरीदी को 33 साल जेल की सजा सुनाई है. एफसीआर ब्रिटिश काल से है और अब तक पाकिस्तान के कबायली इलाकों में प्रभावी हैं.

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