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आउटसोर्सिंग पर ओबामा ने रिपब्लिकन का उड़ाया उपहास

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी के अभियान दल द्वारा ‘ओउटसोर्सिंग’ और ‘ओफशोरिंग’ के बीच बताये गए अंतर का उपहास उड़ाया और कहा कि वे यह मुद्दा ही समझ नहीं पाए.

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बराक ओबामा
बराक ओबामा

राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने प्रतिद्वंद्वी मिट रोमनी के अभियान दल द्वारा ‘ओउटसोर्सिंग’ और ‘ओफशोरिंग’ के बीच बताये गए अंतर का उपहास उड़ाया और कहा कि वे यह मुद्दा ही समझ नहीं पाए.

ओबामा ने रोमनी के अभियान दल की ओर से की गयी इस व्याख्या की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘उनके सलाहकारों से इसके (आउटसोर्सिंग) के बारे में पूछा गया और उन्होंने हमें यह सफाई दी कि दरअसल आउटसोर्सिंग और ‘ओफशोरिंग’ में अंतर है.’

रोमनी के दल पर यह मुद्दा नहीं समझ पाने का आरोप लगाते हुए ओबामा ने कहा कि देश की नौकरियां जब विदेश चली जाती है तो उसे आउटसोर्सिंग कहते हैं और ‘ओफशोरिंग’ से यह अलग है.

राष्ट्रपति ने वाशिंगटन पोस्ट की इस खबर का हवाला दिया, ‘पिछले सप्ताह यह खबर आयी थी कि गवर्नर रोमनी के स्वामित्व वाले कंपनी समूह की कंपनियां चीन और भारत जैसे स्थानों पर अमेरिकी नौकरियां आउटसोर्स करने में आगे रही हैं.’

ओबामा ने दावा किया, ‘यहां जो समझने वाली बात है वह यह है कि गवर्नर रोमनी की आउटसोर्सिंग के प्रति प्रतिबद्धता न केवल उनके रिकॉर्ड का हिस्सा है बल्कि उस संपूर्ण आर्थिक दृष्टिकोण का हिस्सा है जिसे वह यह चुनाव जीत जाने पर देश में लागू करना चाहेंगे.’

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उन्होंने कहा कि सबसे पहले तो वे बैंकों, प्रदूषण फैलाने वालों, बीमा कंपनियों और तेल कंपनियों पर से सभी प्रकार के नियमों को हटने का वादा करते हैं और दूसरा वे न केवल बुशकालीन सभी कर कटौतियों को जारी रखना चाहते हैं बल्कि कर कटौती में पांच हजार अरब डॉलर जोड़ना चाहते हैं जिनमें देश के हर करोड़पति को 25 फीसदी का राहत शामिल है.

ओबामा ने कहा कि रोमनी के विपरीत वह देश की कर संहिता में आउसोर्सिंग की खामियां दूर करना चाहते हैं तथा उन कंपनियों को कर राहत देना चाहते हैं जो अमेरिका में ही नौकरियां एवं विनिर्माण सृजित करते हैं

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