चीन सरकार के एसेट्स सुपरविजन एंड एडमिनिस्ट्रेशन कमिशन (SASAC) ने कहा है कि इस साल के अंत तक चीन निर्मित कोरोना वैक्सीन बाजार में आ सकती है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, SASAC ने चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीचैट पर ये जानकारी दी है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स ने इस वैक्सीन को तैयार किया है. ट्रायल के दौरान 2000 लोगों को ये वैक्सीन दी गई.
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SASAC ने कहा है कि इस साल के आखिर तक या फिर अगले साल के शुरू में ये वैक्सीन बाजार में आ सकती है. ये वैक्सीन क्लिनिकल ट्रायल के दूसरे फेज में पहुंच चुकी है.
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वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स, दोनों ही संस्थान सरकार के फार्मासूटिकल समूह सिनोफार्म से एफिलिएटेड हैं. सिनोफार्म के मैनेजमेंट की निगरानी SASAC करता है.
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रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स एक साल में वैक्सीन की 10 करोड़ से 12 करोड़ डोज तैयार कर सकता है.
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हालांकि, चीन में कुल 5 कोरोना वायरस वैक्सीन पर ट्रायल चल रहा है. लेकिन अन्य किसी भी कंपनी ने बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स की ओर से तैयार की गई वैक्सीन पर प्रतिक्रिया नहीं दी है.
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बता दें कि अमेरिका की मॉडर्ना कंपनी और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की ओर से तैयार की गई कोरोना वैक्सीन को भी शुरुआती ट्रायल में सफलता मिल चुकी है.