यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने संगम नगरी इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने को मंजूरी दे दी है. इस ऐतिहासिक नगरी का नाम 444 साल बाद फिर से प्रयागराज होने जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस कदम से संत समाज काफी उत्साहित है. हालांकि, विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.
दरअसल, पुराणों में इलाहाबाद का नाम प्रयागराज ही था. लेकिन अकबर के शासनकाल में इसे बदलकर इलाहाबाद कर दिया गया था.
इतिहासकार बताते हैं कि अकबरनामा और आईने अकबरी व अन्य मुगलकालीन ऐतिहासिक पुस्तकों से ज्ञात होता है कि अकबर ने सन 1574 के आसपास प्रयागराज में किले की नींव रखी.
अकबर ने यहां नया नगर बसाया जिसका नाम उसने इलाहाबाद रखा. उसके पहले तक इसे प्रयागराज के ही नाम से जाना जाता था.
देखा जाए तो रामचरित मानस में इलाहबाद को प्रयागराज ही कहा गया है. संगम के जल से प्राचीन काल में राजाओं का यहां अभिषेक होता था. इस बात का उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भी है. वन जाते समय श्रीराम प्रयाग में भारद्वाज ऋषि के आश्रम पर होते हुए गए थे.
भगवान श्रीराम जब श्रृंग्वेरपुर पहुंचे तो वहां प्रयागराज का ही जिक्र आया. सबसे प्राचीन एवं प्रामाणिक पुराण मत्स्य पुराण के 102 अध्याय से लेकर 107 अध्याय तक में इस तीर्थ के महात्म्य का वर्णन है. उसमें लिखा है कि प्रयाग प्रजापति का क्षेत्र है जहां गंगा और यमुना बहती हैं.