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काशी विश्वनाथ में 1 हफ्ते में पहुंचे 20 लाख श्रद्धालु, 1 जनवरी को बनेगा नया इतिहास

नए साल से पहले ही काशी में श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीदों से कहीं आगे निकल चुकी है. बीते एक हफ्ते में बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए लाखों लोग पहुंचे हैं, जिससे मंदिर और आसपास का इलाका पूरी तरह भरा हुआ नजर आ रहा है.

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बाबा के दरबार में उमड़ा आस्था का महाकुंभ (Photo: PTI)
बाबा के दरबार में उमड़ा आस्था का महाकुंभ (Photo: PTI)

नए साल के स्वागत का तरीका अब पूरी तरह बदल चुका है. वो दौर गया जब लोग 31 दिसंबर की रात को सिर्फ पहाड़ों की बर्फ या समंदर की लहरों के बीच जश्न मनाने की सोचते थे. पिछले कुछ सालों में एक बड़ा बदलाव आया है और अब लोग पब या डिस्को के बजाय मंदिरों की चौखट पर माथा टेककर अपने साल की शुरुआत करना पसंद कर रहे हैं. इसका सबसे बड़ा और जीता-जागता उदाहरण धर्म की नगरी काशी में देखने को मिल रहा है, जहां बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं का ऐसा हुजूम उमड़ा है कि सारे पुराने रिकॉर्ड धरे के धरे रह गए हैं.

आंकड़े बताते हैं कि शिव की नगरी इस वक्त पूरी तरह 'हाउसफुल' है. पिछले महज एक हफ्ते के भीतर 20 लाख से ज्यादा भक्त बाबा के दरबार में हाजिरी लगा चुके हैं. आस्था का आलम यह है कि देश के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि सात समंदर पार से भी लोग काशी पहुंच रहे हैं. विदेशी सैलानियों का भी यही मानना है कि नए साल की शुरुआत अगर बाबा के आशीर्वाद के साथ हो, तो इससे बेहतर कुछ और नहीं हो सकता.

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भीड़ के सारे रिकॉर्ड ध्वस्त और प्रशासन का 'मेगा प्लान' एक्टिव

काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्व भूषण मिश्रा के मुताबिक, भीड़ का सिलसिला 24 दिसंबर से ही तेज हो गया था. बीते तीन दिनों में ही 11 लाख से ज्यादा लोग दर्शन कर चुके हैं. चूंकि 31 दिसंबर और 1 जनवरी को यह भीड़ अपने चरम पर होगी, लिहाजा प्रशासन ने सुरक्षा और सुविधा के खास इंतजाम किए हैं. मंदिर में अब '3 लाख प्लस' वाली भीड़ के लिए बना विशेष प्रोटोकॉल (SOP) एक्टिवेट कर दिया गया है. भक्तों को लाइन में दिक्कत न हो, इसके लिए 'एंड-टू-एंड' बैरिकेडिंग की गई है. साथ ही, लंबी कतारों में खड़े लोगों के लिए ओआरएस (ORS), पीने का पानी और मेडिकल की अतिरिक्त टीमें तैनात की गई हैं.

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हकीकत तो यह है कि मंदिर परिसर में सिर्फ भक्ति ही नहीं, बल्कि आधुनिक उल्लास भी दिख रहा है. भक्त बाबा के दर्शन कर अर्जी तो लगा ही रहे हैं, साथ ही इस खास पल को यादगार बनाने के लिए जमकर सेल्फी और फोटो भी ले रहे हैं. श्रद्धालुओं का कहना है कि वे मंदिर की नई व्यवस्था और सुविधाओं से काफी खुश हैं. कुल मिलाकर देखें तो इस बार 1 जनवरी को काशी में दर्शन का एक नया इतिहास बनने वाला है. लोगों का यह विश्वास बताता है कि अब जश्न का असली ठिकाना आस्था के केंद्र बन चुके हैं.

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