scorecardresearch
 

मक्का-मदीना कैसे पहुंचें? फ्लाइट, ट्रेन या बस से जानिए क्या है पूरा रूट

हर साल, हजारों भारतीय इस पाक सफर पर निकलते हैं लेकिन, आज इसी रास्ते पर एक दुखद हादसा हो गया, जब मक्का की ओर जा रही बस एक डीजल टैंकर से टकरा गई, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई.

Advertisement
X
आस्था का अटूट सफर (Photo: Unsplash)
आस्था का अटूट सफर (Photo: Unsplash)

मक्का और मदीना सिर्फ दो शहरों के नाम नहीं हैं, बल्कि ये दुनिया के करोड़ों मुसलमानों के लिए सबसे पवित्र सफर की मंज़िल है. हर मुसलमान दिल से चाहता है कि वह एक बार इस पाक रास्ते पर जाए. सोमवार सुबह इसी खास रास्ते पर एक दुखद हादसा हो गया. उमरा यात्री, जो मक्का से मदीना जा रहे थे, उनकी बस मुफ्रिहात इलाके में एक डीज़ल टैंकर से टकरा गई. इस भयानक दुर्घटना में करीब 42 भारतीयों की मौत की आशंका है, जिनमें से ज़्यादातर तेलंगाना के बताए जा रहे हैं. जिन लोगों ने अपनी ज़िंदगी का सबसे ज़रूरी सफ़र शुरू किया था, उसी राह में उन्हें मौत मिली. मक्का-मदीना की यह यात्रा हर मुसलमान के लिए कितनी ज़रूरी और पवित्र होती है. आखिर, कैसे की जाती है यह यात्रा?

कैसे पहुंचे मक्का?

हज और उमराह के लिए जाने वाले अधिकांश यात्री हवाई मार्ग से आते हैं. मक्का का अपना कोई हवाई अड्डा नहीं है. 

जेद्दा हवाई अड्डा: तीर्थयात्री आमतौर पर 90 किलोमीटर पश्चिम में स्थित किंग अब्दुल अज़ीज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (JED) के लिए उड़ान भरते हैं. क्योंकि हज के मौसम में यह हवाई अड्डा बहुत व्यस्त रहता है.

मदीना हवाई अड्डा: दूसरा विकल्प प्रिंस मोहम्मद बिन अब्दुल अज़ीज़ अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा (MED) है, जो मक्का से लगभग 558 किलोमीटर उत्तर में मदीना में स्थित है.

अंतर्राष्ट्रीय तीर्थयात्रियों को सीधे उड़ानें बुक करने की अनुमति नहीं होती. उन्हें सऊदी सरकार की अनुमति से अधिकृत टूर ऑपरेटरों के माध्यम से ही यात्रा करनी होती है. वर्तमान में, गैर-सऊदी और गैर-खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के तीर्थयात्रियों के लिए मक्का जाने का एकमात्र तरीका टूर समूहों के साथ सरकारी या निजी शटल और बसों के माध्यम से यात्रा करना है. इसके अलावा आप पूर्वी अफ्रीकी तट से बंदरगाह शहर जेद्दा तक नाव से भी जा सकते हैं. 

Advertisement

परिवहन के माध्यम से: जेद्दा से मक्का तक की सड़क यात्रा में आमतौर पर 45-60 मिनट लगते हैं (हालांकि रमज़ान और हज में अधिक समय लगता है).

हरमैन हाई स्पीड रेलवे: 2018 से यह रेलवे जेद्दा, मक्का और मदीना के बीच यात्रियों को तेजी से पहुंचा रही है. यह दुनिया की पहली रेगिस्तानी हाई-स्पीड रेल लाइन है, जिसने दोनों पवित्र शहरों के बीच की यात्रा को काफी आरामदायक बना दिया है.

मक्का और मदीना की यात्रा एक धार्मिक अनिवार्यता होने के साथ-साथ एक भावनात्मक अनुभव भी है. हर साल, लाखों लोग यहां आकर इस्लाम के इतिहास और आस्था के केंद्र से जुड़ते हैं.

मक्का: इस्लाम का जन्मस्थान

मक्का इस्लाम का सबसे पवित्र शहर माना जाता है. यह समुद्र तल से करीब 909 फीट ऊंचाई पर स्थित है और चारों ओर से पहाड़ों से घिरा है. मक्का के पास ही हिरा पर्वत है, जहां पैगंबर मुहम्मद को पहली बार पवित्र कुरान की आयतें प्राप्त हुई थीं. यही वह पल था जिससे इस्लाम की शुरुआत मानी जाती है.

मक्का में काबा स्थित है, जो इस्लाम का सबसे पवित्र स्थल है. दुनिया भर के मुसलमान नमाज़ पढ़ते समय काबा की दिशा में ही मुख करते हैं. ऐसा माना जाता है कि काबा का निर्माण पैगंबर इब्राहीम और उनके बेटे इस्माइल ने किया था, इसलिए यह इमारत आस्था और इतिहास दोनों की प्रतीक है. हर मुसलमान पर यह कर्तव्य माना गया है कि अगर वह सक्षम हो, तो अपने जीवन में कम से कम एक बार हज करे. उमरा, जो हज से अलग और छोटा तीर्थ है, साल भर किया जा सकता है. इसी के लिए हर साल हजारों भारतीय मक्का की यात्रा पर जाते हैं.

Advertisement

मदीना: पैगंबर मुहम्मद का नगर

मदीना इस्लाम का दूसरा सबसे पवित्र शहर है. यही वह स्थान है, जहां पैगंबर मुहम्मद हिजरत करके गए थे और जहां उन्होंने इस्लामी समाज की नींव रखी. मदीना में मस्जिद-ए-नबवी है, जिसमें पैगंबर की कब्र स्थित है. इस मस्जिद को दुनिया की सबसे पवित्र और सुंदर मस्जिदों में गिना जाता है. इतना ही नहीं मदीना की क़ुबा मस्जिद को इस्लाम की पहली मस्जिद माना जाता है. यही वजह है कि मदीना जाने वाला हर मुसलमान खुद को भाग्यशाली मानता है.

यह भी पढ़ें: मक्का से मदीना जा रही बस टैंकर से टकराई, 42 भारतीय जिंदा जले, सऊदी अरब में बड़ा हादसा

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement