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Ola-Uber की छुट्टी! आ रही है 'भारत टैक्सी', जानें वो बदलाव जो बदल देगा कैब का पूरा खेल

कैब बुकिंग के तरीके में जल्द ही बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है. 1 जनवरी 2026 को लॉन्च होने जा रही भारत टैक्सी ओला और उबर के एकतरफा दबदबे को चुनौती देने की तैयारी में है. अगर इसका मॉडल जमीन पर सफल रहा, तो भारत की कैब इंडस्ट्री का पूरा खेल बदल सकता है.

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सर्ज प्राइसिंग का खेल अब होगा खत्म (Photo: bharattaxiapp.com)
सर्ज प्राइसिंग का खेल अब होगा खत्म (Photo: bharattaxiapp.com)

आजकल बड़े शहरों में रहने वाले हम जैसे लोगों के लिए ओला और उबर जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं. दफ्तर जाना हो या देर रात किसी पार्टी से लौटना, फोन निकाला और कैब हाजिर. लेकिन, क्या वाकई सब कुछ इतना आसान है? कभी कैब की गंदगी परेशान करती है, तो कभी बारिश शुरू होते ही 'सर्ज प्राइसिंग' के नाम पर जेब खाली हो जाती है.

ऊपर से ड्राइवर भाई साहब का राइड कैंसिल करना तो जैसे रोज की बात है. लेकिन अब सफर के शौकीनों और रोजाना भागदौड़ करने वालों के लिए एक बड़ी खुशखबरी आ रही है. 1 जनवरी, 2026 को 'भारत टैक्सी' लॉन्च होने जा रही है, जो दावा कर रही है कि वह इन सभी पुरानी परेशानियों का अंत कर देगी. तो चलिए जानते हैं कि भारत टैक्सी का बिजनेस मॉडल क्या है, इसकी बुकिंग प्रक्रिया कैसी होगी, ड्राइवरों को इससे क्या फायदा मिलेगा, किराए का गणित क्या होगा और सुरक्षा के लिहाज से यह कितनी भरोसेमंद है?

अमूल जैसा नया सहकारी मॉडल

भारत टैक्सी की सबसे खास बात यह है कि इसका मालिकाना हक किसी बड़े प्राइवेट कॉर्पोरेट घराने के पास नहीं है. यह एक 'सहकारी' यानी कोऑपरेटिव संस्था है. जैसे दूध की दुनिया में 'अमूल' ने क्रांति की थी, वैसे ही 'सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड' कैब की दुनिया को बदलने निकली है. इसे नाबार्ड (NABARD), अमूल और इफको जैसे बड़े नामों का साथ मिला है और भारत सरकार भी इसे पूरा समर्थन दे रही है.

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इसका सीधा मतलब यह है कि यहां ड्राइवर सिर्फ कर्मचारी नहीं बल्कि मालिक की तरह होंगे. जब चलाने वाला खुश होगा, तो यकीनन पीछे बैठने वाली सवारी यानी आप और हम भी सुकून से सफर कर पाएंगे.

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सरकारी भरोसे और नई तकनीक का मिला-जुला संगम

अगर आप इस ऐप को इस्तेमाल करेंगे, तो आपको थोड़ा 'सरकारी' एहसास होगा, लेकिन अच्छे वाले अंदाज में. इसका इंटरफेस IRCTC या भीम यूपीआई जैसा सरल है. इसमें सुरक्षा के लिए MPIN की सुविधा दी गई है, जो बैंकिंग ऐप्स जैसी सुरक्षा का एहसास कराती है. आने वाले समय में यह डिजीलॉकर जैसी सुविधाओं से भी जुड़ सकता है. हालांकि अभी यह ट्रायल मोड (बीटा) में है और दिल्ली-गुजरात जैसे इलाकों में इसके टेस्ट चल रहे हैं. शुरुआत में ऐप में कुछ कमियां या बग्स (तकनीकी गड़बड़ियां) दिख सकते हैं, लेकिन जनवरी के फुल लॉन्च तक इसके एकदम स्मूद होने की उम्मीद है.

रेंटल और आउटस्टेशन सफर के लिए खास तैयारी

अभी अगर आप भारत टैक्सी ऐप खोलेंगे, तो आपको थोड़ा अलग अनुभव होगा. ओला-उबर की तरह यह अभी तुरंत 'बुक नाउ' वाले ऑप्शन पर नहीं खेल रही है. फिलहाल इसका ध्यान लंबी दूरी और पहले से तय सफर पर है. आप दो घंटे या उससे ज्यादा के लिए रेंटल ले सकते हैं, एयरपोर्ट आने-जाने के लिए एडवांस बुकिंग कर सकते हैं या फिर शहर से बाहर जाने (आउटस्टेशन) के लिए गाड़ी बुक कर सकते हैं. यह उन लोगों के लिए बेहतरीन है जो परिवार के साथ ट्रिप प्लान करते हैं और आखिरी समय पर कैब मिलने की चिक-चिक नहीं पालना चाहते.

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सर्ज प्राइसिंग का अंत और कमाई का सही हिसाब

हम सभी का सबसे बड़ा दुश्मन है 'सर्ज प्राइसिंग'. भारत टैक्सी इसी जड़ पर प्रहार करने वाली है. कंपनी एक पारदर्शी किराया सिस्टम लाने का वादा कर रही है, जहां अचानक से दाम नहीं बढ़ेंगे. सबसे बड़ी बात यह है कि ड्राइवर को उसकी मेहनत की कमाई का 80 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा. जब कंपनियों का भारी-भरकम कमीशन खत्म होगा, तो किराया अपने आप काबू में रहेगा. यही वजह है कि लॉन्च से पहले ही 51 हजार से ज्यादा ड्राइवर्स ने इसके साथ जुड़ने के लिए रजिस्ट्रेशन करा लिया है.

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सुरक्षा के कड़े इंतजाम और भविष्य की उम्मीदें

ट्रैवल के दौरान सुरक्षा सबसे बड़ी चिंता होती है. भारत टैक्सी सीधे दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के नेटवर्क से जुड़ी होगी. इसमें 24x7 कस्टमर केयर सपोर्ट होगा और आप अपनी लोकेशन अपनों के साथ शेयर कर पाएंगे. हालांकि, अभी आईओएस और एंड्रॉइड पर ऐप पूरी तरह से अपनी रफ्तार में नहीं आया है, लेकिन सरकार का हाथ साथ होने से इसकी कामयाबी की उम्मीद काफी ज्यादा है. अगर यह मॉडल सही बैठ गया, तो यकीन मानिए, भारतीय सड़कों पर ओला-उबर का एकाधिकार बीते जमाने की बात हो जाएगी.

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