अगर आप दिल्ली एयरपोर्ट से सफर करते रहे हैं, तो टर्मिनल बदलने की परेशानी आपको अच्छे से याद होगी. भारी सूटकेस, समय की टेंशन और कैब या शटल बस का लंबा इंतजार कई बार पूरी यात्रा का मजा किरकिरा कर देता है. लेकिन अब यही झंझट खत्म होने वाली है. दिल्ली एयरपोर्ट पर यात्रियों के लिए ऐसा बदलाव होने जा रहा है, जिससे टर्मिनलों के बीच सफर पहले से कहीं ज्यादा आसान, तेज और आरामदेह हो जाएगा.
दिल्ली मेट्रो और दिल्ली एयरपोर्ट की इस नई पहल का सीधा फायदा उन यात्रियों को मिलेगा, जो एक फ्लाइट से उतरकर दूसरी फ्लाइट पकड़ते हैं या विदेश जाने के लिए दिल्ली में रुकते हैं. आने वाले समय में मुसाफिरों को न तो एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक दौड़ लगानी पड़ेगी और न ही भारी सामान ढोने की मजबूरी रहेगी.
मेट्रो विस्तार से टर्मिनल बदलना होगा आसान
आईजीआई एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 और टर्मिनल 3 के बीच की दूरी हमेशा से यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत रही है. लेकिन अब दिल्ली मेट्रो की मदद से इस दूरी को खत्म किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने दिल्ली मेट्रो के नए प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत एरोसिटी और टर्मिनल 1 के बीच एक नया मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाएगा.
सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट का कामकाज संभालने वाली कंपनी 'डायल' (DIAL) इसके लिए काफी समय से मेट्रो प्रशासन (DMRC) से चर्चा कर रही थी. अभी तक एरोसिटी सिर्फ टर्मिनल 3 से जुड़ी थी, लेकिन इस नए लिंक के बनने के बाद T1, T2 और T3 तीनों टर्मिनल आपस में मेट्रो के जरिए जुड़ जाएंगे.
इसका सबसे बड़ा फायदा उन यात्रियों को होगा जो डोमेस्टिक फ्लाइट से उतरकर इंटरनेशनल फ्लाइट पकड़ने के लिए एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल भागते थे. अब आप बस मेट्रो में बैठिए और बिना किसी ट्रैफिक के अपने सही टर्मिनल पर पहुंच जाइए.
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APM से होगा बिना रुके टर्मिनलों के बीच सफर
मेट्रो के साथ-साथ दिल्ली एयरपोर्ट पर 'ऑटोमेटेड पीपल मूवर' यानी APM सिस्टम लाने की भी तैयारी है. यह पूरी तरह से बिना ड्राइवर (ड्राइवरलेस) के चलने वाली ट्रेन होगी, जिसे खास तौर पर एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक यात्रियों को लाने-ले जाने के लिए बनाया जाएगा. आसान शब्दों में कहें तो यह एयरपोर्ट के अंदर चलने वाली अपनी एक खास ट्रेन या मोनोरेल जैसी व्यवस्था होगी.
दिल्ली एयरपोर्ट प्रशासन ने अब इस बड़े प्रोजेक्ट के लिए कंपनियों से प्रस्ताव और बोलियां मंगाने का काम शुरू कर दिया है. जल्द ही यह तय हो जाएगा कि यह सिस्टम मोनोरेल होगा, कोई प्राइवेट मेट्रो लाइन होगी या फिर हाई-टेक बसों की कोई श्रृंखला. APM के शुरू होने के बाद यात्रियों को कैब या बस के इंतजार की जरूरत ही नहीं पड़ेगी और टर्मिनलों के बीच का सफर बेहद आसान और तेज हो जाएगा.
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सामान की टेंशन अब आपकी नहीं एयरपोर्ट की होगी
सबसे बड़ी राहत की खबर उन लोगों के लिए है जो कनेक्टिंग फ्लाइट्स लेते हैं और अपने भारी सामान को लेकर परेशान रहते हैं. अब आपको एक टर्मिनल पर सामान उतारकर उसे खुद दूसरे टर्मिनल तक घसीटने की जरूरत नहीं होगी. दिल्ली एयरपोर्ट पर सामान के ऑटोमैटिक ट्रांसफर का ट्रायल शुरू हो चुका है. फाइनल मंजूरी मिलते ही एक ऐसी प्रणाली लागू होगी जिससे आपका सामान एक टर्मिनल से दूसरे टर्मिनल तक अपने आप पहुंच जाएगा. यानी अगर आप विदेश जा रहे हैं या किसी दूसरे शहर की कनेक्टिंग फ्लाइट ले रहे हैं, तो आप बस आराम से अपने अगले टर्मिनल तक पहुंचिए और आपका सामान वहां आपको पहले से तैयार मिलेगा. यह बदलाव बुजुर्गों और बच्चों के साथ सफर करने वाले परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा.