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विवाह पंचमी

विवाह पंचमी

विवाह पंचमी

विवाह पंचमी (Vivah Panchami) हिंदू धर्म का एक अत्यंत पावन और शुभ दिन है, जिसे भगवान श्रीराम और माता सीता के दिव्य विवाह की स्मृति में मनाया जाता है. यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को पड़ता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन मिथिला के राजा जनक की नगरी में भगवान राम और सीता का विवाह संपन्न हुआ था. इसलिए यह तिथि वैवाहिक जीवन, प्रेम, समर्पण और धर्म की पवित्रता का प्रतीक मानी जाती है. इस साल यह पर्व 25 नंंवबर को है.

विवाह पंचमी के दिन देशभर में विशेष पूजा-अर्चना, कथा और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है. खासकर उत्तर भारत, बिहार और नेपाल के जनकपुर क्षेत्र में इसका विशेष उत्सव मनाया जाता है. कई मंदिरों में भगवान राम और माता सीता की विवाह बारात और विवाह समारोह की झांकी सजाई जाती है, जिसमें भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते हैं. इसे एक ऐसा दिन माना जाता है जब श्रद्धालु अपने दांपत्य जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं.

ज्योतिष और धार्मिक मान्यता के अनुसार विवाह पंचमी का दिन मांगलिक कार्य, विशेषकर विवाह संबंधी निर्णयों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. कई श्रद्धालु इस दिन व्रत रखते हैं और राम-सीता विवाह कथा का पाठ करते हैं.

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