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यूएफओ

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यूएफओ

यूएफओ यानी Unidentified Flying Object (UFO) एक ऐसा शब्द है जिसका प्रयोग उन उड़ती हुई वस्तुओं के लिए किया जाता है जिन्हें लोग आकाश में देखते हैं, लेकिन वे पहचान नहीं पाते. आमतौर पर इन्हें “एलियंस के स्पेसशिप” या “उड़न तश्तरी” के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि, वैज्ञानिक दृष्टि से हर यूएफओ का अर्थ बाहरी अंतरिक्ष से आया यान नहीं होता- बल्कि यह सिर्फ एक अनपहचानी गई उड़ती वस्तु है.

यूएफओ की कहानियां हजारों साल पुरानी हैं. प्राचीन सभ्यताओं में भी आकाश में चमकती अजीब वस्तुओं का उल्लेख मिलता है.
लेकिन आधुनिक यूएफओ युग की शुरुआत 1947 में हुई, जब अमेरिका के रोसवेल (Roswell) शहर के पास एक अजीब वस्तु गिरने की खबर आई. लोगों ने दावा किया कि यह एक एलियन स्पेसक्राफ्ट था, लेकिन अमेरिकी सरकार ने इसे "मौसम गुब्बारा" बताया.
यह घटना आज भी रहस्य बनी हुई है और यूएफओ शोध का सबसे चर्चित उदाहरण मानी जाती है.

दुनिया भर में हर साल हजारों लोग यूएफओ देखने का दावा करते हैं. अमेरिका, रूस, चीन, भारत और यूरोप के कई हिस्सों में ऐसी घटनाएं दर्ज की गई हैं. कुछ घटनाएं बाद में वैज्ञानिक रूप से समझाई गईं जैसे उपग्रह, विमान की रोशनी, उल्का या ड्रोन. लेकिन कुछ घटनाएं अब तक अनसुलझी हैं.

भारत में भी कई यूएफओ घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें 2013 में लद्दाख में भारतीय सेना के जवानों ने कई दिनों तक आकाश में “चमकदार वस्तुएं” देखने की रिपोर्ट की थी.

यह सवाल दशकों से वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय है. कई लोग मानते हैं कि यूएफओ बाहरी ग्रहों से आने वाले प्राणियों यानी एलियंस के स्पेसशिप हैं. हालांकि, अभी तक किसी भी सरकार या वैज्ञानिक एजेंसी ने यूएफओ के एलियन स्रोत की पुष्टि नहीं की है.

NASA, Pentagon, और ISRO जैसी संस्थाएं इन विषयों पर रिसर्च करती रही हैं. 2021 में अमेरिकी रक्षा विभाग (Pentagon) ने अपनी एक रिपोर्ट में स्वीकार किया था कि कुछ यूएफओ वीडियो “अनपहचाने” हैं, यानी उनका स्रोत पता नहीं चल पाया.

NASA ने हाल ही में "UAP (Unidentified Aerial Phenomena)" नाम से एक नया अध्ययन शुरू किया है, जिससे इन घटनाओं को वैज्ञानिक तरीके से समझा जा सके.

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