टिहरी गढ़वाल
टिहरी गढ़वाल (Tehri Garhwal) भारतीय गणराज्य के प्रांत उत्तराखंड (Uttarakhand) का एक जिला है और इसका मुख्यालय नई टिहरी है. यह गढ़वाल मंडल का एक हिस्सा है. इस जिले का क्षेत्रफल 3,642 वर्ग किलोमीटर है (Tehri Garhwal Geographical Area).
टिहरी गढ़वाल जिले में एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र (Lok Sabha constituency) और छह विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं (Assembly Constituency) .
2011 जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक टिहरी गढ़वाल की जनसंख्या (Tehri Garhwal Population) छह लाख से ज्यादा है और यहां प्रति वर्ग किलोमीटर 170 लोग रहते हैं (Density). यहां का लिंग अनुपात (Sex Ratio) 1077 है. यहां की 76.36 फीसदी जनसंख्या साक्षर है. टिहरी गढ़वाल में पुरुष 89.76 फीसदी और महिलाओं की साक्षरता दर 64.28 फीसदी है (Tehri Garhwal Literacy).
टिहरी और गढ़वाल दो अलग नामों को मिलाकर इस जिले का नाम रखा गया है. टिहरी ‘त्रिहरी’ शब्दा से बना है, जिसका मतलब है तीन तरह के पापों को धोने वाली जगह. दूसरे शब्दw ‘गढ़’ का मतलब होता है किला. टिहरी 1949 में उत्तर प्रदेश का एक जिला बना. बाद में, 24 फरवी 1960 में, उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी एक तहसील को अलग कर उत्तरकाशी नाम का एक और जिला बना दिया (Tehri Garhwal District Formation).
टिहरी गढ़वाल के पर्यटक स्थलों में देवप्रयाग और धनोल्टी प्रसिद्ध हैं. देवप्रयाग में गंगोत्री से आने वाली भागीरथी नदी और बदरीनाथ धाम से आने वाली अलकनंदा नदी का संगम होता है और देवप्रयाग से यह नदी पवित्र गंगा के नाम से जानी जाती है. देवदार, रोडोडेंड्रोन और ओंक के वनों से आच्छादित धनोल्टी चंबा मसूरी मार्ग पर स्थित है. धनोल्टी में लम्बे जंगली ढलान शांत माहौल सुंदर मौसम, सर्दियों में बर्फ से ढकी पहड़ियां इसे छुट्टियां बिताने के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाती हैं. इसके अलावा नागटिप्पा, नई टिहरी, कुंजापुरी और सुरकुंडा भी इस जिले के अन्य पर्यटक स्थलों में शामिल हैं (Tehri Garhwal Tourist Place).
यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है जो यहां से 76 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है (Tehri Garhwal Transportation).
पर्वतारोही रोहित भट्ट ने तनजानिया स्थित माउंट किलिमंजारो को फतह किया है. उन्होंने 28 जनवरी की सुबह इस उपलब्धि को हासिल किया. देश का नाम रोशन करने वाले रोहित उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के रहने वाले हैं. रोहित ने माउंट किलिमंजारो की चोटी पर पहुंच कर तिरंगा झंडा फहराया. साथ ही अपने दिवंगत साथियों को श्रद्धांजली दी.
उत्तराखंड में जोशीमठ के बाद अब टिहरी में भी जमीन धंस रही है. घरों में दरारें आ रही हैं. लोगों का कहना है कि जिले से गुजरने वाली ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन की वजह से ऐसा हो रहा है. कई गांवों के घरों में दरारें आ चुकी हैं. यहां लोग खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. लोगों ने कहा कि समय रहते हमारी मदद की जाए.
उत्तराखंड के मसूरी धनौल्टी मार्ग पर भीषण सड़क हादसा हुआ है. बर्फबारी का लुत्फ उठाने के लिए धनौल्टी जा रहे तीन सैलानियों की कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिर गई. हादसे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू कर घायलों को बाहर निकाला. इसके बाद सभी को अस्पताल में भर्ती कराया. इस हादसे से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है.
Joshimath Sinking: उत्तराखंड के जोशीमठ में दरकती जमीन और मकानों को देख टिहरी के लोग भी डरे हुए हैं. यहां के लोगों का कहना है कि टिहरी के घनसाली में भी बिजली प्रोजेक्ट के लिए पहाड़ों में सुरंगें बना दी गईं हैं. टिहरी जिले से गुजरने वाली भिलंगना नदी में डैम बनाया जा रहा है. लोगों का कहना है कि अगर ऐसा ही रहा तो यहां भी जोशीमठ जैसे हालात हो सकते हैं.
उत्तराखंड के जोशीमठ में धंसती धरती के बीच अब प्रशासन बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है. स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित घरों और होटलों को गिराने का फैसला किया है. इस बीच, राज्य के 5 जिलों में भी ऐसे कई इलाके सामने आए हैं, जहां घरों में दरारें आने से लोग डर के साये में देखे जा रहे हैं. लोगों का कहना है कि यहां ब्लास्टिंग और रेलवे के कार्यों की वजह से घरों को नुकसान पहुंचा है.
Joshimath Sinking Crisis: जहां एक ओर जोशीमठ में हो रहे भू-धंसाव ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया है तो वहीं, गढ़वाल के 25-30 गांवों में भी जमीन धंसने और मकान में दरारों की आ रही तस्वीरों ने देशभर में हड़कंप मचाकर रख दिया है. टिहरी जिले की कृषि भूमि पर पिछले दिनों से डेढ़ फुट तक दरारें पड़ चुकी हैं.
उत्तराखंड में एक महिला के साथ उसकी सास और ननद ने हैवानियर की हदें पार कर दीं. बताया जा रहा है कि महिला का पति मानसिक रूप से ठीक नहीं है. महिला की सास और ननद ने गर्म तवे से उसे जला दिया. मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा. टिहरी पुलिस ने आरोपित सास और ननद को गिरफ्तार कर लिया है.
उत्तराखंड में NH 58 और NH 94 पर ऑल वेदर रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. सड़क के चौड़ा करने के चलते पहाड़ियां कमजोर हो गई हैं. जिसका असर ये है कि भारी बारिश में यहां पहाड़ियां सड़क पर ढह रही हैं. जगह-जगह से भारी भूस्खलन की तस्वीरें सामने आ रही हैं.
उत्तराखंड में टिहरी में रविवार को एक बड़ा हादसा होने से बच गया. यहां के सुरकंडा देवी मंदिर की रोप-वे ट्रॉली अचानक रुक गई. इस घटना के बाद करीब 45 मिनट तक लोग हवा में लटके रहे. घटना का वीडियो खुद टिहरी विधायक किशोर उपाध्याय ने बनाया है.