सुशील कुमार: इकलौते भारतीय- व्यक्तिगत इवेंट में दो ओलंपिक मेडल
कांस्य पदक, बीजिंग ओलंपिक (2008)
रजत पदक, लंदन ओलंपिक (2012)
सुशील कुमार ओलंपिक में दो पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हैं. सबसे पहले सुशील ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. इसके बाद 2012 के लंदन ओलंपिक में पदक का रंग बदलते हुए रजत पदक अपने नाम किया. सुशील कुमार को अर्जुन पुरस्कार, राजीव गांधी खेल रत्न और पद्म श्री से नवाजा जा चुका है. सुशील फिलहाल युवा पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के आरोप में कानून के शिकंजे में हैं.
शुरुआती करियर
सुशील कुमार का जन्म 26 मई 1983 को दिल्ली के बाहरी हिस्से में बसे गांव बपरोला में हुआ. सुशील कुमार के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. उनके पिता डीटीसी में कंडक्टर थे, जिससे पूरे परिवार का गुजर-बसर होता था. सुशील से ही प्रेरित होकर उनके चचेरा भाई संदीप भी रेसलिंग से जुड़े, लेकिन परिवार सिर्फ सुशील का ही खर्च उठा सकता था. ऐसे में संदीप को पहलावनी छोड़नी पड़ी.
14 साल की उम्र में सुशील प्रशिक्षण के लिए दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में चले गए. सुशील की कड़ी मेहनत आखिरकार रंग लाई. सबसे पहले उन्होंने 1998 में पोलैंड में हुए विश्व कैडेट खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर सुर्खियां बटोरीं. इसके बाद उन्होंने 2000 में एशियाई जूनियर कुश्ती चैम्पियनशिप भी जीती. इसके बाद सुशील ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए.
बीजिंग ओलंपिक
सुशील कुमार को 2008 के बीजिंग ओलिंपिक में 66 किलो फ्रीस्टाइल वर्गके पहले ही राउंड में एंड्री स्टाडनिक ने हरा दिया था. स्टाडनिक फाइनल में पहुंच गए थे, जिसके चलते सुशील को रेपचेज रांउड खेलने का मौका मिला. ऐसे में उन्होंने पहले डग स्वाब और फिर दूसरे राउंड में अल्बर्ट बाटीरोव को मात दी. इसके बाद सुशील ने कांस्य पदक के मुकाबले में लियोनिड स्पिरिडोनोव को 3-1 से हराकर इतिहास रच दिया. वह केडी जाधव के बाद ओलंपिक में पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय रेसलर बन गए थे. जाधव ने 1952 में हेलसिंकी ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था.
लंदन ओलंपिक
बीजिंग खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद सुशील देश के हीरो बन चुके थे. 2012 के लंदन ओलंपिक में भारतीय फैन्स सुशील से गोल्ड मेडल की उम्मीद कर रहे थे. सुशील ने पहले दौर में बीजिंग ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट रमजान साहिन को हराकर बेहतरीन शुरुआत की. इसके बाद अगले दो मुकाबले जीतकर सुशील ने फाइनल में जगह बनाई. फाइनल में सुशील को जापानी पहलवान तत्सुहीरो योनेमित्सु के हाथों 1-3 से हार झेलनी पड़ी और उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा.
पहले भी रहे विवादों में
हत्या के आरोपी सुशील 2016 में सबसे पहले साथी पहलवान नरसिंह यादव के साथ विवाद के चलते सुर्खियों में आए थे. सुशील कुमार पहले 66 किलोग्राम वर्ग में खेलते थे, लेकिन उन्होंने 2016 में हुए रियो ओलंपिक के लिए अपना वजन बढ़ा लिया था और वह 74 किलोग्राम वर्ग में आ गए थे. इस वर्ग में भारत का ओलंपिक कोटा नरसिंह यादव ने हासिल किया था. ऐसे में इन दोनों पहलवानों के बीच ओलंपिक में जाने को लेकर विवाद हो गया था. इसके बाद दिसंबर 2017 में राष्ट्रमंडल खेलों के क्वालिफाइंग मुकाबले के दौरान भी सुशील कुमार विवादों में घिरे थे. सुशील ने क्वालिफाइंग मुकाबले के सेमीफाइनल में प्रवीण राणा को मात दे दी थी. जिसके बाद सुशील और प्रवीण के समर्थक आपस में भिड़ गए थे.
जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत रद्द कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने सुशील कुमार से सात दिन के भीतर सरेंडर करने के लिए कहा है.
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दी है. जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में कोर्ट ने सुशील को सात दिन में सरेंडर करने का आदेश दिया है. पढ़िए गिरफ्तारी से लेकर जमानत तक... इस मामले की पूरी कहानी.