Sagar Dhankhar Murder Case: दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में उस काली रात हुए एक जुर्म ने देश के सबसे बड़े पहलवान की तकदीर पलट दी. ओलंपिक पदक, वर्ल्ड टाइटल, कॉमनवेल्थ गोल्ड. सबकुछ था सुशील कुमार के पास, लेकिन जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की हत्या ने उसकी इमेज को मिट्टी में मिला दिया. फरारी के दिनों में वो ठिकाने बदलता रहा. पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस करती रही. उसका गैंगस्टर कनेक्शन भी सामने आया और पुलिस देशभर में उसे तलाश करती रही. बाद में वो सलाखों के पीछे जा पहुंचा.
ये कहानी है रेसलर सुशील कुमार की, जिसे उसकी करतूत ने खेल के अखाड़े से सीधे जेल की सलाखों तक पहुंचा दिया. वो जमानत पर बाहर था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उसकी जमानत रद्द कर दी है और सात दिन में सरेंडर का आदेश दे दिया है. आगे पढ़िए, कैसे देश का एक चैंपियन सबसे चर्चित कैदी बन गया.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
ओलंपिक पदक विजेता और मशहूर पहलवान सुशील कुमार को जूनियर पहलवान सागर धनखड़ हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने उनकी जमानत रद्द कर दी है और सात दिन के भीतर सरेंडर करने का आदेश दिया है. यह फैसला सागर के पिता अशोक धनखड़ की याचिका पर सुनवाई के बाद आया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सुशील गवाहों और उनके परिवार पर समझौते का दबाव बना रहा है.
हाईकोर्ट का आदेश रद्द
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय करोल और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने दिल्ली हाईकोर्ट के 4 मार्च 2024 के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें सुशील कुमार को जमानत दी गई थी. हाईकोर्ट ने लंबी कैद और ट्रायल की धीमी रफ्तार को देखते हुए जमानत दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे अस्वीकार करते हुए सख्त रुख अपनाया.
स्टेडियम में पीट-पीटकर हत्या
मई 2021 में दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. इस वारदात में सुशील कुमार और उनके साथी पहलवानों का नाम सामने आया. पुलिस के मुताबिक, सुशील ने अपने गुट के साथ मिलकर सागर पर डंडों और हथियारों से हमला किया था, जिससे उसकी मौत हो गई.
विवाद की असली वजह
सागर धनखड़ पहले सुशील कुमार का बड़ा फैन और नेशनल जूनियर चैंपियन था. लेकिन दोनों के बीच पैसों को लेकर विवाद हो गया. सागर सुशील की पत्नी के फ्लैट में किराए पर रहता था और उसने दो महीने का किराया दिए बिना फ्लैट छोड़ दिया था. इसी बात को लेकर सुशील नाराज़ था और यही विवाद हत्या की वजह बन गया.
अपहरण के बाद सागर का मर्डर
4 मई 2021 की रात, सुशील कुमार और उनके साथी मॉडल टाउन के एक फ्लैट से सागर और उसके दोस्तों को गन प्वाइंट पर अगवा कर छत्रसाल स्टेडियम ले गए. वहां मौजूद लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग के गुर्गों ने भी माहौल को और हिंसक बना दिया. पिटाई के दौरान गोलियां भी चलीं और हालात बेकाबू हो गए.
मौका-ए-वारदात से फरार
वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन सुशील कुमार अपने साथियों के साथ फरार हो गए. एक आरोपी को वहीं पकड़ लिया गया, जबकि सुशील की तलाश में पुलिस ने दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से लेकर देशभर में दबिश दी. गिरफ्तारी से बचने के लिए सुशील लगातार ठिकाने बदलता रहा.
गिरफ्तारी से पहले की फरारी
पुलिस की जांच में पता चला कि फरारी के शुरुआती दिनों में सुशील उत्तराखंड के एक बाबा के आश्रम में छिपा रहा. बाद में वह नजफगढ़, बहादुरगढ़ और झज्जर के फार्महाउसों में घूमता रहा. इस दौरान दिल्ली नगर निगम के एक पार्षद के बेटे ने उन्हें छुपने में मदद की. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया था.
गिरफ्तारी के लिए ऑपरेशन
आखिरकार दिल्ली पुलिस ने 23 मई 2021 को मुंडका इलाके से सुशील कुमार और उसके साथी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के समय सुशील पर हत्या, अपहरण, मारपीट और आपराधिक षड्यंत्र के संगीन आरोप थे. गिरफ्तारी के बाद उनके नाम से जुड़ी खेल उपलब्धियों की चमक फीकी पड़ गई.
कोर्ट में दोनों पक्षों की दलीलें
सुशील कुमार के वकील ने कोर्ट में कहा कि उन्हें झूठा फंसाया गया है और पुलिस ने जानबूझकर देर से एफआईआर दर्ज की. वहीं अभियोजन पक्ष ने सीसीटीवी फुटेज, एफएसएल रिपोर्ट और गवाहों के बयान को पेश करते हुए कहा कि सुशील खुद डंडा लेकर सागर और उसके साथियों को पीट रहा था.
खेल से जेल तक का सफर
सुशील कुमार देश के इकलौते पहलवान हैं, जिन्होंने दो ओलंपिक पदक जीते- 2008 में कांस्य और 2012 में रजत. उन्होंने कई वर्ल्ड टाइटल, कॉमनवेल्थ गोल्ड और खेल रत्न, अर्जुन अवार्ड व पद्मश्री जैसे सम्मान भी हासिल किए. लेकिन एक विवाद और हिंसक वारदात ने उनके करियर और छवि को बर्बाद कर दिया, और अब फिर से वो जेल की ओर लौट रहा है.