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सूर्य जयंती

सूर्य जयंती

सूर्य जयंती

सूर्य जयंती (Surya Jayanti) हिंदू धर्म में एक पावन पर्व है, जो सूर्य देव के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है. यह दिन सूर्य देव की उपासना और आराधना के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है.

सूर्य देव को "जगत का जीवनदाता" कहा जाता है. वह न केवल प्रकाश और ऊर्जा के स्रोत हैं, बल्कि वे स्वास्थ्य, ज्ञान और आत्मबल के भी प्रतीक माने जाते हैं. ऋग्वेद में सूर्य को "सर्वद्रष्टा" यानी सब कुछ देखने वाला कहा गया है. सूर्य की उपासना करने से मनुष्य के जीवन में ऊर्जा, आत्मविश्वास और सकारात्मकता का संचार होता है.

इस दिन श्रद्धालु प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करते हैं और ताजे जल से सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं. अर्घ्य देने के साथ-साथ "ॐ घृणि सूर्याय नमः" मंत्र का जाप किया जाता है. व्रत रखा जाता है और सूर्य देव को लाल पुष्प, गुड़, गेहूं और तांबे के पात्र में जल अर्पित किया जाता है. कई स्थानों पर सूर्य मंदिरों में विशेष पूजन, भजन और यज्ञ भी आयोजित होते हैं.

मान्यता है कि इसी दिन सूर्य देव का अवतरण हुआ था. पौराणिक कथाओं के अनुसार, सूर्य सप्तमी के दिन ही भगवान सूर्य ने सप्त अश्वों के रथ पर सवार होकर सम्पूर्ण ब्रह्मांड को प्रकाशमान किया था. इसीलिए इस दिन को "रथ सप्तमी" भी कहा जाता है.

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