सिलीगुड़ी (Siliguri), पश्चिम बंगाल (West Bengal) के उत्तरी हिस्से में स्थित एक प्रमुख शहर है, जिसे “गेटवे ऑफ नॉर्थ-ईस्ट इंडिया” के नाम से भी जाना जाता है. हिमालय की तलहटी में बसे इस शहर का महत्व भौगोलिक, आर्थिक और पर्यटन, तीनों दृष्टियों से बेहद खास है. दार्जिलिंग, सिक्किम, भूटान और नेपाल की नजदीकी के कारण यह क्षेत्र व्यापार और पर्यटन का मुख्य केंद्र बन चुका है.
सिलीगुड़ी का तेजी से बढ़ता विस्तार इसे पूर्वोत्तर भारत की सबसे महत्वपूर्ण नगरियों में शामिल करता है. यहां से एशियाई हाईवे, राष्ट्रीय राजमार्ग 10 व 27, और न्यू जलपाईगुड़ी (NJP) रेलवे स्टेशन जैसी सुविधाएं शहर को अंतरराज्यीय कनेक्टिविटी प्रदान करती हैं. बागडोगरा एयरपोर्ट अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के कारण व्यापार और पर्यटन को और भी मजबूती देता है.
शहर की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से चाय उद्योग, पर्यटन, लकड़ी व्यापार, और ट्रांसपोर्ट हब जैसे क्षेत्रों पर आधारित है. सिलीगुड़ी के आसपास की दार्जिलिंग और दोआर्स की चाय बागानें दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं. इसके अलावा, शहर में कई बड़े शॉपिंग सेंटर, आधुनिक अस्पताल, और शैक्षणिक संस्थान मौजूद हैं, जो इसे एक उभरते महानगर का रूप देते हैं.
सिलीगुड़ी का प्रमुख आकर्षण काली मंदिर, सफारी पार्क, सलुगाड़ा मोनेस्ट्री, और मेहनागढ़ इको-पार्क जैसे स्थल हैं, जहां हर साल हजारों पर्यटक पहुंचते हैं. शांत प्रकृति, मनोरम पहाड़ी दृश्य और सुखद मौसम इसे यात्रियों की पसंदीदा जगह बनाते हैं.
बहु-भाषाई और सांस्कृतिक विविधता से भरा यह शहर बंगाली, नेपाली, बिहारी, मारवाड़ी और तिब्बती समुदायों के मेल से बना है, जो इसे और भी जीवंत बनाता है. आज सिलीगुड़ी उत्तर बंगाल का आर्थिक इंजन है और तेजी से विकसित होता मिनी-मेट्रो शहर के रूप में पहचान बना रहा है.
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