सिद्दीपेट (Siddipet), तेलंगाना राज्य का एक तेजी से विकसित होता शहर है, जो अपनी स्वच्छता, आधुनिक बुनियादी ढांचे और शांत जीवनशैली के लिए जाना जाता है. यह शहर सिद्दीपेट जिले का मुख्यालय भी है और हैदराबाद से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. राज्य के उत्तरी भाग में बसे इस क्षेत्र का ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व काफी गहरा है.
सिद्दीपेट को तेलंगाना के प्रमुख नेता टी. हरीश राव के विकास मॉडल के लिए भी पहचाना जाता है. शहर में बीते कुछ वर्षों में तेजी से शहरीकरण हुआ है. बेहतर सड़कों, सरकारी दफ्तरों, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं ने इसे एक उभरते शहरी केंद्र के रूप में स्थापित किया है. शहर में मिशन भागीरथा और मिशन करीब नगर जैसे सरकारी प्रोजेक्ट्स के तहत स्वच्छ पेयजल और आधुनिक ड्रेनेज सिस्टम उपलब्ध हैं, जिससे सिद्दीपेट आज स्वच्छ शहरों में गिना जाता है.
सिद्दीपेट का ऐतिहासिक महत्व भी किसी से कम नहीं है. यहां स्थित कोमाती चेतेश्वर मंदिर, विभिन्न पुरातात्विक स्थल और स्थानीय कला-शिल्प इसकी सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत बनाते हैं. शहर के आस-पास की हरियाली और झीलें पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, जिनमें कोमाटी चेरुवु झील प्रमुख है. यह झील हाल के वर्षों में विकसित किए गए लेकफ्रंट और पर्यटन सुविधाओं के कारण काफी लोकप्रिय हो चुकी है.
कृषि भी यहां की अर्थव्यवस्था का एक अहम हिस्सा है. आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में धान, मक्के और तिलहन की खेती प्रमुख है. साथ ही, बाजार और व्यावसायिक गतिविधियों के बढ़ने से सिद्दीपेट में रोजगार के नए अवसर भी बढ़ रहे हैं.
तेलंगाना के सिद्दीपेट के एक कपल ने अपनी नवजात बेटी का नाम ‘सिंदूर’ रखा है. यह नाम उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान के खिलाफ भारत की सर्जिकल कार्रवाई 'ऑपरेशन सिंदूर' से प्रेरित होकर रखा है. इस भावुक निर्णय के जरिए उन्होंने भारतीय सेना के साहस, बलिदान और राष्ट्रीय एकता को सलाम किया है.
तेलंगाना के सिद्दीपेट में खेलने के बहाने तीन साल की बच्ची के साथ एक प्रवासी मजदूर ने रेप की घटना को अंजाम दिया. आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है और सिद्दीपेट में रहकर पेंटर का काम करता था.