शांतनु ठाकुर (Shantanu Thakur) बीजेपी के एक राजनेता हैं. वह 2019 से बनगांव से लोकसभा सदस्य हैं. 7 जुलाई 2021 को कैबिनेट फेरबदल के बाद उन्होंने बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली. 2024 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की और पीएम नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री बनें.
2019 के आम चुनाव में, परिसीमन के बाद वह इस निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के टिकट पर चुने जाने वाले पहले गैर-टीएमसी सांसद बने. वह बंगाल के पूर्व मंत्री मंजुल कृष्ण ठाकुर के बेटे हैं. वह अखिल भारतीय मतुआ महासंघ के नेता हैं.
7 जुलाई 2021 को मोदी मंत्रालय के दूसरे कैबिनेट फेरबदल के दौरान, उन्हें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय के राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया.
SIR पर बीजेपी ने राजनीति को समझ लिया है. बिहार चुनाव से पहले शोर-शराबा खूब हुआ, लेकिन मुद्दा नहीं बना. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी का रुख भी करीब करीब वैसा ही है, जैसा यूपी में अखिलेश यादव का - और यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी नेताओं को बंगाल में संयम बरतने की सलाह दी है.
पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. सूबे की सियासत नॉर्थ और साउथ पोल में बंटी हुई है. एक बीजेपी का गढ़ बनकर उभरा है तो दूसरा ममता का किला है. ममता बनर्जी के पावर जोन में बीजेपी भी अलग रणनीति के साथ चुनौती दे रही है.
केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने स्वीकार किया कि यह पास उनके द्वारा जारी किया गया है. शांतनु ठाकुर के इस पास को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए महुआ मोइत्रा ने हमला बोला है.
तीसरी बार केंद्र में बनी एनडीए सरकार में पश्चिम बंगाल की बनगांव सीट के सांसद शांतनु ठाकुर को भी मंत्री बनाया गया है. उन्हें बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है. शांतनु ठाकुर बंगाल के मतुआ समुदाय के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. बनगांव से चुनाव जीतने वाले वो पहले बीजेपी नेता हैं.