सकट चौथ (Sakat Chauth) हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला त्योहार है, जिसमें भगवान गणेश (Lord Ganesha) की पूजा की जाती है. यह माघ महीने के कृष्ण पक्ष के चतुर्थी तिथि में पड़ता है. इसे माघ चतुर्थी (Magh Chaturthi) भी कहा जाता है. इस दिन महिलाएं अपने संतान की लंबी उम्र और तरक्की के लिए व्रत रखती हैं.
माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से घर में सुख समृद्धी भी आती है. अगर सकट चौथ मंगलवार के दिन पड़ता है, तो उसे अंगारकी सकट चौथ कहा जाता है और इसे विशेष महत्व वाला माना जाता है. इस व्रत को रखने वाली महिलाएं शाम को चंद्रमा का दर्शन और पूजा करने के बाद अपना व्रत खोलती हैं (Sakat Chauth Rituals).
Sakat Chauth Ka chand kab niklega 2024: सकट चौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. रात के समय चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं. आइए आपको सकट चौथ पर गणेश व चंद्र पूजन की विधि और चंद्रोदय का समय बताते हैं.
Sakat Chauth 2024: माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश और माता सकट की पूजा की जाती है. सकट चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती हैं. इस दिन पूजन के समय सकट चौथ की कुछ कथाएं भी सुनी जाती है. आइए जानते उन पौराणिक कथाओं के बारे में.
Sakat Chauth 2024: सकट चौथ का व्रत माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी यानि आज रखा जा रहा है. मान्यता है कि जो कोई इस दिन सच्चे मन के साथ व्रत रख कर भगवान गणेश की अराधना करता है उसके सभी दुख दूर हो जाते हैं. ज्योतिष के अनुसार इस दिन गणेश जी के प्रसन्न करने के लिए कुछ खास उपाय बताए गए हैं.
Sakat Chauth 2024: सकट चौथ के दिन भगवान गणेश की उपासना से हर तरह के संकट का नाश होता है. संतान प्राप्ति और संतान सम्बन्धी समस्याओं का निवारण होता है. अपयश और बदनामी के योग कट जाते हैं.
Sakat Chauth 2024: माघ माह की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ व्रत के नाम से जाना जाता है. कई जगहों पर इसे संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानते हैं. इस बार सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी को रखा जाएगा. इस दिन माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और शाम के समय चंद्रमा को अर्घ देने के बाद ही अपना व्रत खोलती हैं.
Sakat Chauth 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का व्रत रखा जाता है. इस दिन भगवान गणेश और माता सकट की पूजा की जाती है. सकट चौथ के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही व्रत का पारण करती हैं. इस दिन पूजन के समय सकट चौथ की कुछ कथाएं भी सुनी जाती है. आइए जानते उन पौराणिक कथाओं के बारे में.
Sakat Chauth 2023: सकट चौथ को लंबोदर चौथ, माही चौथ, संकष्टी चतुर्थी, तिल चौथ और तिल कुटा चौथ को नाम से जाना जाता है. सकट चौथ पर माताएं अपनी संतान की लंबी आयु की कामना करती हैं. सकट चौथ के व्रत का पारण करने के लिए चंद्रमा के दर्शन करना जरूरी होता है. आइए जानते हैं कि सकट चौथ पर अगर चांद न दिखे तो क्या करना चाहिए.
सकट चौथ पर तिलकुट का प्रसाद तैयार किया जाता है. पूजा की थाली में लोग घर का बना तिल कुट शामिल करते हैं. इसे बनाना बहुत आसान है. आइए जानते हैं विधि.
Sakat Chauth 2023: सकट चौथ का दिन माता सकट और भगवान गणेश को समर्पित किया जाता है. संकष्टी चतुर्थी को सकट चौथ, संकटा चौथ, माघी चौथ, तिल चौथ और तिलकुट चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है. सकट चौथ के दिन कुछ खास चीजों से भगवान गणेश का पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं उन चीजों के बारे में.
Sakat Chauth 2023: सकट चौथ साल 2023 की पहली संकष्टी चतुर्थी है. इस दिन गणपति जी की विधि-विधान से पूजा करने वालों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. सकट चौथ पर भगवान गणेश और चंद्रमा की उपासना का विशेष महत्व बताया गया है. संतान प्राप्ति के लिए ये दिन उत्तम माना जाता है.
Sakat Chauth 2023: इस बार सकट चौथ का व्रत 10 जनवरी 2023 को रखा जाएगा. इस दिन भगवान गणेश और सकट माता की पूजा की जाती है. सकट चौथ को संकष्टी चतुर्थी, वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ और तिल कुटा चौथ भी कहा जाता है. मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर सभी माताएं अपनी संतान के लिए व्रत रखती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना भी करती हैं.