रामेश्वरम तीर्थ
रामनाथस्वामी मंदिर (Ramanathaswamy Temple) भारत के तमिलनाडु राज्य में रामेश्वरम (Rameshwaram Island) द्वीप पर स्थित भगवान शिव (God Shiva) को समर्पित एक हिंदू मंदिर है. यह हिंदुओं के चार धामों में से एक और बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों (twelve Jyotirlinga Temples) में से एक है. रामेश्वरम की दूरी चेन्नई से लगभग 560 किलोमीट है. यह बंगाल की खाड़ी और हिंद महासागर से घिरा हुआ एक टापू है. यहां भगवान विष्णु के सातवें अवतार, राम (Lord Rama) ने लंका पर आक्रमण करने से पहले पत्थरों से सेतु का निर्माण करवाया था. भगवान राम ने पुल को पार करने से पहले इस मंदिर के पीठासीन देवता, रामनाथस्वामी यानी शिवलिंग (Lingam) की स्थापना करके उनकी पूजा की थी.
मंदिर के प्राथमिक देवता (Primary Deity) शिवलिंग के रूप में रामनाथस्वामी (शिव) हैं. गर्भगृह (Sanctum) के अंदर दो लिंग हैं - एक भगवान राम द्वारा रेत से निर्मित, मुख्य देवता के रूप में निवास करने वाला, रामलिंगम (Ramalingam) और दूसरा कैलाश से हनुमान द्वारा लाया गया, जिसे विश्वलिंगम (Vishwalingam) कहा जाता है.
यह मंदिर लगभग 800 साल पुराना (800 Years Old) है. इस मंदिर का विस्तार 12वीं शताब्दी के दौरान पांड्य राजवंश (Pandya Dynasty) द्वारा किया गया था, और इसके प्रमुख मंदिरों के गर्भगृह का जीर्णोद्धार जयवीरा सिंकैरियान (Jeyaveera Cinkaiariyan) और जाफना साम्राज्य (Jaffna kingdom) के उनके उत्तराधिकारी गुणवीरा सिंकैरियान द्वारा किया गया था. भारत के सभी हिंदू मंदिरों में इस मंदिर का गलियारा सबसे लंबा (Longest Corridor) है जो उत्तर-दक्षिणमें 197 मीटर और पूर्व-पश्चिम में 133 मीटर लंबा है. मंदिर के प्रवेशद्वार का गोपुरम (Gopuram) 38.4 मीटर ऊंचा है. इस मंदिर का पूरा फैलाव लगभग 6 हेक्टेयर में है.
अयोध्या से लेकर रामेश्वरम तक रामनवमी भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाई गई. मंदिरों में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड में भगवा झंडों के साथ निकाली गई शोभायात्राओं ने वातावरण को राममय कर दिया. हालांकि बंगाल से देर रात रामनवमी के जुलूस पर हमले का मामला भी सामने आया.
प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम पहुंचकर हाईटेक नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया है. उन्होंने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई. साथ ही पुल के संचालन को देखा और जानकारी ली
राम सेतु के अस्तित्व पर वैज्ञानिक खोज से नए तथ्य सामने आए हैं. वाल्मीकि रामायण के अनुसार, नल ने पांच दिनों में 35 किलोमीटर लंबा सेतु बनाया था. राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान और पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम ने भी इन तथ्यों की पुष्टि की है. देखिए VIDEO
प्रधानमंत्री मोदी ने रामेश्वरम पहुंचकर हाईटेक नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया है. उन्होंने सड़क पुल से एक ट्रेन और एक जहाज को हरी झंडी दिखाई. साथ ही पुल के संचालन को देखा और जानकारी ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में नए हाईटेक पम्बन ब्रिज का उद्घाटन किया. यह भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज है. पीएम ने तमिलनाडु को 8,300 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. उन्होंने कहा कि देश तेजी से आगे बढ़ रहा है और मेगा योजनाओं पर काम हो रहा है.
रामेश्वरम में रामनवमी के अवसर पर तमिलनाडु को 8,300 करोड़ रुपये के विकास प्रोजेक्ट्स की सौगात दी गई. इनमें नया पंबन ब्रिज, रामेश्वरम से चेन्नई तक नई रेल सेवा और कई सड़क परियोजनाएं शामिल हैं. रामेश्वरम में प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण भी दिया, देखें उनका संबोधन.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामनवमी के अवसर पर तमिलनाडु का दौरा किया और रामेश्वरम में एशिया के पहले वर्टिकल लिफ्ट स्पैन रेलवे ब्रिज, पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया. यह ब्रिज 2.08 किलोमीटर लंबा है और 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है, जिससे बड़े जहाजों का आवागमन संभव होता है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर श्रीलंका से आते समय राम सेतु के दर्शन भी किए और रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की. देखें...
PM मोदी आज रामेश्वरम में देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट रेलवे सी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज रामेश्वरम को मंडपम से जोड़ेगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री लगभग 8000 करोड़ रुपये की रेल और सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन भी करेंगे. वे रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना भी करेंगे. देखें...
प्रधानमंत्री मोदी रविवार को नए पंबन रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे और रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाएंगे. रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल वैश्विक मंच पर भारतीय इंजीनियरिंग की उत्कृष्टता को प्रदर्शित करेगा.
नए पंबन ब्रिज की वर्टिकल लिफ्ट को खुलने में 5 मिनट और 30 सेकंड लगते हैं जबकि पुराने ब्रिज की स्विंग को खुलने में 35 मिनट से 40 मिनट लग जाते थे. अब नए ब्रिज के निर्माण से टाइम की काफी बचत होगी.
रामेश्वरम का धनुषकोडी गांव भारत का अंतिम छोर है, जो भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्थलीय सीमा है. इसी जगह पर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी के पानी का मिलन होता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, विभीषण के कहने पर श्री राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया था. इसलिए इस जगह का नाम धनुषकोडी रखा गया था. देखें पूरी खबर.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, प्रभु श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्ति की कामना से समुद्र किनारे बालू रेत से शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की आराधना की थी. इसी स्थान पर रामेश्वर मंदिर बना है, जिसके दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. देखें रामेश्वर से ये ग्राउंड रिपोर्ट.
पम्बन ब्रिज इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल है.ये पुल 2 किमी लंबा है, जो बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है. पंबन ब्रिज देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट अप ब्रिज है, जो 531 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हो चुका है. ये ब्रिज रामेश्वरम को तमिलनाडु की मुख्य भूमि से जोड़ता है. देखें पूरी खबर.
अयोध्या के श्रीराम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होने में कुछ ही घंटे बाकी हैं. 22 जनवरी 2024 को तय समय में प्राण प्रतिष्ठा की विधियां संपन्न होंगी. इससे पहले वह देश के उन प्रमुख तीर्थों और मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं जो श्रीराम से जुड़े हुए हैं और रामकथा में जिन स्थानों का जिक्र मिलता रहा है.
दिल्ली सरकार द्वारा 780 बुजुर्गों को फ्री तीर्थ यात्रा
माना जाता है कि लंका पर चढ़ाई से पहले श्रीराम ने रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है. अपने 12 दिन की याश्रा पर आजतक आ पहुंचा है रामेश्वरम. तो आइए सत्यम शिवम सुंदरम के इस एपिसोड में जानते हैं रामेश्वरम के बारे में.
तमिलनाडु के रामेश्वरम में योग चिकित्सकों के एक समूह ने 'जल योग' कर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाया. देखें वीडियो.
59 साल पहले दिसंबर 1964 के दिन ट्रेन नंबर- 653 तमिलनाडु के पंबन रेलवे स्टेशन से धनुषकोडी की तरफ निकली थी, लेकिन बीच में ही यह ट्रेन चक्रवाती तूफान की चपेट में आकर समंदर में समा गई. इस ट्रेन हादसे में 200 लोगों की मौत हो गई थी. जानिए उस भीषण हादसे की पूरी कहानी.
देश-विदेशों में अनेकों मंदिर हैं जो अपनी खूबसूरती और चमत्कारों के लिए लोकप्रिय हैं. लेकिन भारत में कुछ ऐसे मंदिर हैं, जिनका रहस्य उन्हें पूरी दुनिया में अद्भुत, अविश्वसनीय, अकल्पनीय बनाता है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक सात महत्वपूर्ण शिवमंदिर एक ही सीधी रेखा में स्थित हैं. जानें इस रहस्य के बारे में.