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प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Professor Ali Khan Mahmudabad), अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान और इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर हैं. उन्होंने मई 2025 को हुए 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) पर सोशल मीडिया पर की गई टिप्पणी के कारण विवादों में आ गए हैं.

अली खान ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में भारतीय सेना के 'ऑपरेशन सिंदूर' और उसमें शामिल महिला अधिकारियों, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह, के बारे में टिप्पणी की थी. उन्होंने लिखा कि इन अधिकारियों की सराहना करने वाले दक्षिणपंथी टिप्पणीकारों को भीड़ हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई के पीड़ितों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दो महिला सैनिकों द्वारा जानकारी प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है, लेकिन यदि यह केवल दिखावा है तो यह पाखंड है.

इस पोस्ट के बाद, हरियाणा पुलिस ने प्रो. महमूदाबाद को गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. उनके खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गईं- एक गांव जटेड़ी के सरपंच द्वारा और दूसरी हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया द्वारा. इनमें भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं.

प्रो. अली खान ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी और हरियाणा पुलिस को नोटिस जारी किया. साथ ही, कोर्ट ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया, जिसमें एक महिला अधिकारी भी शामिल होंगी. कोर्ट ने प्रोफेसर को निर्देश दिया कि वे जांच पूरी होने तक 'ऑपरेशन सिंदूर' या पहलगाम हमले से संबंधित कोई सोशल मीडिया पोस्ट या बयान न दें.

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