निमिषा प्रिया (Nimisha Priya), केरल की एक नर्स हैं, जो बेहतर जीवन और कमाई के लिए यमन (Yemen) गई थीं. वहां उन्होंने एक मेडिकल क्लिनिक में काम करना शुरू किया और धीरे-धीरे अपने कार्य में कुशल हो गईं. लेकिन उनका सपना जल्द ही एक भयावह हकीकत में बदल गया.
खबरों के अनुसार, यमन में निमिषा प्रिया की मुलाकात एक स्थानीय नागरिक खालिद (Kalid) से हुई, जिसने उनके वीजा और अन्य दस्तावेजों में मदद करने का वादा किया. लेकिन समय के साथ हालात बिगड़ने लगे. खालिद ने उनके पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिए और कथित रूप से शारीरिक व मानसिक शोषण शुरू किया.
न्यायिक दस्तावेजों के अनुसार, अपनी आजादी पाने के लिए निमिषा प्रिया ने खालिद को नशीली दवा देकर बेहोश करने की कोशिश की. लेकिन दुर्भाग्यवश, वह घटना खालिद की मौत का कारण बन गई. इसके बाद उन्हें यमन में गिरफ्तार कर लिया गया और मौत की सजा सुनाई गई.
निमिषा की मां और परिवार ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है. देशभर में नागरिकों और मानवाधिकार संगठनों ने इस फैसले पर चिंता जताई और उनकी फांसी रोकने की अपील की है. कई संगठनों ने यमन सरकार से "दियात" (ब्लड मनी) के जरिए समझौते की मांग की है, ताकि निमिषा को बचाया जा सके.
भारत सरकार की ओर से यमन के अधिकारियों से लगातार बातचीत की जा रही है. विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है. इसके अलावा, एक क्राउडफंडिंग अभियान भी चलाया गया है ताकि 'दियात' की राशि एकत्र की जा सके.
यमन में मौत की सजा पाने वाली केरल की नर्स निमिषा प्रिया से जुड़े एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गैग ऑर्डर जारी करने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने अटॉर्नी जनरल की ओर से भरोसा दिलाने का बाद यह फैसला सुनाया है.
विदेश मंत्रालय (MEA) ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में सरकारी खाते में 'आर्थिक सहयोग' मांगने वाले दावों को फर्जी करार दिया.
केरल की नर्स निमिषा प्रिया इस वक्त यमन की जेल में कैद हैं और वो फांसी की सजा का सामना कर रही हैं. यमन के एक नागरिक की हत्या मामले में उन्हें सजा सुनाई गई है. भारत में उनका परिवार और उन्हें बचाने के लिए बनाई गई समिति पूरी कोशिश कर रही है कि उनकी सजा रद्द कर दी जाए लेकिन मृतक का परिवार राजी नहीं हो रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि सरकार इस मामले पर लगातार नजर बनाए हुए है. निमिषा और उनके परिवार के संपर्क में है. भारत ने स्थानीय यमन के अधिकारियों से भी इस संबंध में बातचीत की है और कुछ मित्र देशों से भी संपर्क साधा है.
भारत के ग्रैंड मुफ्ती अबू बकर मुसलियार के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय ने इतना ही कहा कि निमिषा प्रिया पर कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा दावा गलत है. इस बीच पीड़ित के भाई द्वारा निमिषा के लिए मौत की सजा की मांग दोहराने से असमंजस पैदा हो गया है.
निमिषा प्रिया का मामला वर्ष 2018 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में रहा है. निमिषा पर अपने बिजनेस पार्टनर की हत्या करने और फिर शव के टुकड़े कर देने के आरोप हैं. उन्हें मार्च 2018 में हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था और 2020 में यमनी अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी.
केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में सुनाई गई मौत की सजा को पूरी तरह रद्द कर दिया गया है. इस बात की जानकारी भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के कार्यालय ने एक बयान जारी कर दी है.
केरल की नर्स निमिषा प्रिया की 13 साल की बेटी मिशेल अपने पिता और एक शांति दूत के साथ यमन गई और अधिकारियों से अपनी मां की रिहाई के लिए गुहार लगाई है. वीडियो में बेटी ने इमोशनल अपील करते हुए कहा कि वह अपनी मां से बहुत प्यार करती है.
देशवार भारतीय कैदियों की संख्या की बात करें तो इसमें से सबसे ज्यादा सऊदी अरब में 2,633 भारतीय कैदी हैं. वहीं यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) में 2,518 भारतीय कैदी हैं. नेपाल में 1,317 भारतीय, यूके (ब्रिटेन) में 288, अमेरिका में 169 भारतीय कैदी बंद हैं.
बिजनेस पार्टनर की हत्या के आरोप में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा फिलहाल के लिए टल गई है, लेकिन वे साल 2017 से ही यमनी जेल में हैं. वहां की जेलों को दुनिया के सबसे खराब कैदखानों की श्रेणी में रखा जाता है. खासकर हूती विद्रोहियों की जेल में महिलाओं पर हर तरह की हिंसा आम है.
यमन की जेल में बंद निमिषा प्रिया के मामले में याचिकाकर्ता 'सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल' नाम की संस्था ने कोर्ट से इजाज़त मांगी कि उन्हें इस मामले में मृतक के घरवालों से बातचीत करने के लिए यमन जाने की इजाज़त दी जाए.
केरल की नर्स निमिषा प्रिया यमन के एक नागरिक महदी के हत्या मामले में मौत की सजा का सामना कर रही हैं. 16 जुलाई को उन्हें फांसी होने वाली थी जिसे मध्यस्थता के जरिए टाल तो दी गई लेकिन महदी के भाई के सख्त बयान से उनके बचने की संभावना कम हुई है.
हत्या के मामले में दोषी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को पीड़ित परिवार ने माफ करने और किसी भी तरह का मुआवजा स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा मृतक के भाई अब्देलफत्ताह ने भारतीय मीडिया में चल रही उन खबरों को सिरे से खारिज किया, जिनमें दावा किया गया था कि तलाल ने निमिषा के साथ दुर्व्यवहार किया था या उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया था.
केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को फिलहाल टाल दिया गया है. सूत्रों के हवाले से यह जानकारी सामने आई है. उन्हें यमन में 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी. निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए भारत सरकार हरसंभव कोशिश कर रही थी.